महाराष्ट्र (मुंबई):- कांग्रेस पार्टी ने मंगलवार को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में हुई गंभीर विसंगतियों का मुद्दा चुनाव आयोग के सामने उठाया। पार्टी का कहना है कि पारदर्शिता सुनिश्चित करने और अविश्वास को दूर करने के लिए चुनाव आयोग को संबंधित आंकड़े जारी करने चाहिए। कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल में पार्टी महासचिव मुकुल वासनिक महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी सहित अन्य नेता शामिल थे। इस प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग को एक ज्ञापन सौंपते हुए आग्रह किया कि आयोग उनके नेताओं से मिले ताकि वे विधानसभा चुनाव से जुड़े विभिन्न मुद्दों को उठा सकें।
इसके बाद चुनाव आयोग ने तीन दिसंबर को मिलने का समय तय किया। सिंघवी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि उन्होंने चुनाव में हुई विसंगतियों पर विस्तृत तरीके से अपनी बात रखी। उनका कहना था कि ऐसे गंभीर मुद्दों पर आंकड़े जारी किए जाने चाहिए थे। सिंघवी ने बताया कि पहले बिंदु के रूप में यह मामला उठाया गया कि लाखों लोगों के नाम मतदाता सूची से हटा दिए गए हैं। इसके लिए कांग्रेस ने चुनाव आयोग से विस्तृत आंकड़े मांगे हैं ताकि यह पता चल सके कि नाम क्यों और कैसे हटाए गए।
दूसरे मुद्दे के रूप में सिंघवी ने कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद लगभग 47 लाख नए मतदाताओं के नाम जोड़े गए हैं जिस पर भी कांग्रेस ने चुनाव आयोग से स्पष्टीकरण मांगा। तीसरे मुद्दे पर सिंघवी ने मतदान के प्रतिशत में अचानक सात प्रतिशत तक की वृद्धि का सवाल उठाया और इस पर भी आंकड़े जारी करने की मांग की। उनका कहना था कि इस तरह की बढ़ोतरी चुनाव परिणामों पर बड़ा प्रभाव डाल सकती है।
आखिरकार, कांग्रेस ने यह भी सवाल उठाया कि 118 विधानसभा क्षेत्रों में लोकसभा चुनाव के मुकाबले 25,000 तक की बढ़त हुई है और इनमें से अधिकांश क्षेत्रों में भाजपा और उसके सहयोगी दलों की जीत हुई है। सिंघवी ने उम्मीद जताई कि चुनाव आयोग से पारदर्शी और स्पष्ट जवाब मिलेगा जो आम जनता में अविश्वास को दूर करेगा।