भोपाल (मध्यप्रदेश):- मध्य प्रदेश के लोक निर्माण विभाग (PWD) के एक जूनियर इंजीनियर (JE) को एंटी करप्शन टीम ने 10 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। आरोपी इंजीनियर ने एक ठेकेदार से बिल पास करने के बदले यह भारी रकम मांगी थी। विभाग में पहले ही 16 इंजीनियरों को भ्रष्टाचार के आरोप में निलंबित किया गया था लेकिन इसके बावजूद घूसखोरी का खेल जारी है।
घूसखोरी का मामला: PWD के JE ने मांगे 10 लाख रुपए
सूत्रों के अनुसार आरोपी JE ने ठेकेदार से एक निर्माण कार्य के बिल पास करने के बदले 10 लाख रुपए की रिश्वत की मांग की थी। एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने ठेकेदार की शिकायत के बाद जाल बिछाया और आरोपी को रंगे हाथ पकड़ लिया। आरोपी इंजीनियर की पहचान महेश यादव के रूप में की गई है जो भोपाल जिले के एक प्रमुख निर्माण परियोजना में कार्यरत था।
निलंबन के बावजूद जारी है घूसखोरी
यह घटना उस समय सामने आई है जब PWD विभाग के 16 इंजीनियरों को भ्रष्टाचार के आरोप में पहले ही निलंबित किया जा चुका है। बावजूद इसके घूसखोरी की प्रथा विभाग में समाप्त नहीं हो पाई है। पिछले कुछ महीनों में इसी तरह की कई घटनाएं सामने आई हैं जिससे यह साफ है कि भ्रष्टाचार विभाग के अंदर जड़ जमा चुका है और कार्रवाई के बावजूद सुधार नहीं हो रहा।
अधिकारियों की कार्रवाई: क्या ये कदम पर्याप्त हैं?
आरोपी JE को गिरफ्तार करने के बाद एंटी करप्शन टीम ने विभागीय अधिकारियों से इस मामले की विस्तृत जांच की मांग की है। इस मामले को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए सख्त कार्रवाई की जा रही है लेकिन विभागीय स्तर पर भ्रष्टाचार का जड़ से सफाया करने के लिए व्यापक सुधार की जरूरत है।
निरंतर भ्रष्टाचार और ठेकेदारों का दबाव
विशेषज्ञों के अनुसार PWD विभाग में ठेकेदारों और सरकारी अधिकारियों के बीच रिश्वत की प्रथा को समाप्त करने के लिए सख्त निगरानी और पारदर्शिता की आवश्यकता है।