नई दिल्ली:- दिल्ली में लोकसभा नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा और INDIA ब्लॉक के अन्य सांसदों ने अडानी मामले को लेकर संसद परिसर में जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन उस समय हुआ जब संसद में अडानी समूह के खिलाफ कई आरोपों को लेकर चर्चा हो रही थी। सांसदों ने मांग की कि सरकार इस मामले की निष्पक्ष जांच कराए और अडानी समूह की वित्तीय गतिविधियों की पारदर्शिता सुनिश्चित करे।
प्रदर्शन के दौरान राहुल गांधी ने कहा कि अडानी समूह के खिलाफ उठाए गए सवालों पर सरकार चुप्पी साधे हुए है जबकि यह देश की आर्थिक स्थिरता के लिए एक गंभीर मुद्दा है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार अडानी समूह को बचाने के लिए विभिन्न तरीकों का इस्तेमाल कर रही है और यह लोकतंत्र के लिए खतरा है। प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी इस मुद्दे पर अपनी चिंता व्यक्त की और कहा कि यदि सरकार में ईमानदारी होती तो वह इस मामले की जांच में सहयोग करती।
संसद परिसर में हुई इस घटना ने राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है। कांग्रेस पार्टी ने अडानी मामले को लेकर सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते हुए इसे देश की जनता के हितों के खिलाफ बताया। प्रदर्शन के दौरान कई सांसदों ने तख्तियां भी उठाई जिन पर अडानी को जवाब दो जैसे नारे लिखे हुए थे।
इस विरोध प्रदर्शन का उद्देश्य सरकार पर दबाव बनाना था ताकि वह अडानी समूह के खिलाफ उठाए गए सवालों का जवाब दे सके। सांसदों ने यह भी कहा कि यह मामला केवल एक व्यवसायिक समूह तक सीमित नहीं है बल्कि यह देश की आर्थिक नीति और लोकतंत्र की नींव से जुड़ा हुआ है।
इस प्रदर्शन ने यह स्पष्ट कर दिया है कि कांग्रेस और INDIA ब्लॉक के सांसद अडानी मामले को लेकर गंभीर हैं और वे इसे संसद में उठाते रहेंगे। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह मुद्दा आगामी चुनावों में भी एक महत्वपूर्ण विषय बन सकता है जिससे सरकार पर और अधिक दबाव पड़ेगा।
इस प्रकार अडानी मामले पर संसद परिसर में यह प्रदर्शन न केवल कांग्रेस के लिए बल्कि पूरे विपक्ष के लिए एक महत्वपूर्ण राजनीतिक कदम था जो सरकार की नीतियों पर सवाल उठाने का एक प्रयास है।