इस्लामाबाद(पाकिस्तान):- पाकिस्तान की आतंकवाद निरोधक अदालत (एटीसी) ने वरिष्ठ पत्रकार मतिउल्लाह जन को जमानत दे दी है। यह फैसला एक विवादास्पद मादक पदार्थ मामले में आया है जिसमें जन को आरोपी बनाया गया था । एटीसी के न्यायाधीश ताहिर अब्बास सिप्रा ने जन की जमानत याचिका को मंजूरी देते हुए उन्हें 10,000 रुपये के मुचलके पर जमानत देने का आदेश दिया ।
इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) ने पहले जन की दो दिन की शारीरिक हिरासत को निलंबित कर दिया था। मुख्य न्यायाधीश आमिर फारूक और न्यायाधीश अरबाब मुहम्मद ताहिर ने आदेश दिया था कि अधिकारी जन को न्यायिक हिरासत में लें। जन की गिरफ्तारी के बाद, कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स (सीपीजे) ने उनकी रिहाई की मांग की थी। सीपीजे ने एक बयान में कहा था, “पाकिस्तानी अधिकारियों को तुरंत और बिना शर्त वरिष्ठ पत्रकार मतिउल्लाह जन को रिहा करना चाहिए और उन्हें परेशान करना बंद करना चाहिए” ।
मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल ने भी जन की रिहाई की मांग की थी और उन पर लगाए गए आरोपों को “राजनीतिक रूप से प्रेरित” बताया था । पाकिस्तान फेडरल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (पीएफयूजे) ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और गृह मंत्री मोहसिन नकवी से मामले में हस्तक्षेप करने और जन की तुरंत रिहाई सुनिश्चित करने का आग्रह किया था ¹।
इस फैसले के बाद पत्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने जन की रिहाई का स्वागत किया है किन उन्होंने यह भी कहा है कि पाकिस्तान में पत्रकारों के खिलाफ हिंसा और उत्पीड़न के मामले बढ़ रहे हैं । जन के मामले ने पाकिस्तान में पत्रकारों की सुरक्षा और स्वतंत्रता के मुद्दे को एक बार फिर से उठाया है। यह मामला यह भी दर्शाता है कि पाकिस्तान में पत्रकारों को अक्सर राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर रिपोर्टिंग करने के लिए खतरों और चुनौतियों का सामना करना पड़ता है ।