महाराष्ट्र (मुंबई):- महाराष्ट्र में राजनीति का पारा लगातार चढ़ता जा रहा है। महायुति (भाजपा शिवसेना और एनसीपी का गठबंधन) में मुख्यमंत्री पद पर सहमति बनने के बाद अब मंत्रालयों के बंटवारे को लेकर विवाद गहराता दिख रहा है। इस मुद्दे को सुलझाने के लिए महाराष्ट्र के तीन प्रमुख नेता—मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से दिल्ली में मुलाकात की। हालांकि इस बैठक में भी किसी ठोस निर्णय पर सहमति नहीं बन सकी। शिंदे ने बैठक के बाद बयान दिया कि सब कुछ सकारात्मक रहा। हम पीएम मोदी के हर फैसले को मानेंगे।
शिवसेना (शिंदे गुट) के विधायक और प्रवक्ता संजय शिरसाट ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि एकनाथ शिंदे डिप्टी सीएम नहीं बनेंगे। उन्होंने कहा कि एक पूर्व मुख्यमंत्री के लिए डिप्टी सीएम पद शोभा नहीं देता। शिरसाट ने यह भी कहा कि शिंदे गुट डिप्टी सीएम के लिए किसी अन्य नेता को नामित करेगा।
संजय शिरसाट ने यह भी स्पष्ट किया कि शिंदे केंद्र सरकार में मंत्री नहीं बनेंगे। उन्होंने कहा कि शिंदे महाराष्ट्र की जनता की सेवा करते रहेंगे और कोई महत्वपूर्ण मंत्रालय संभाल सकते हैं।महायुति सरकार में मंत्रालयों का बंटवारा एक बड़ा मुद्दा बन गया है। सूत्रों के अनुसार शिवसेना और एनसीपी (अजित पवार गुट) दोनों अपने गुट के लिए अहम मंत्रालयों की मांग कर रहे हैं। भाजपा इस विवाद को सुलझाने की कोशिश में लगी है लेकिन अब तक कोई अंतिम निर्णय नहीं हो पाया है।
इस राजनीतिक खींचतान के बीच महाराष्ट्र की जनता की नजरें महायुति के नेताओं पर टिकी हुई हैं। देवेंद्र फडणवीस अजित पवार और एकनाथ शिंदे के बीच समन्वय और गठबंधन के भविष्य को लेकर सवाल उठ रहे हैं। महाराष्ट्र की राजनीति में आने वाले दिनों में महत्वपूर्ण घटनाक्रम देखने को मिल सकते हैं।