नई दिल्ली :- सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में कुछ अहम निर्देश दिए जिनके मुताबिक निचली अदालत को इस मामले पर सुनवाई करने से रोक दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि निचली अदालत के फैसले से उन्हें कुछ आपत्तियां हैं। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने प्रशासन को कानून व्यवस्था को दुरुस्त करने की भी हिदायत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट जाने को कहा है और कहा कि अब हाईकोर्ट के निर्देश पर ही कोई कार्रवाई हो सकेगी।
मस्जिद समिति ने दायर की थी सुप्रीम कोर्ट में याचिका
दरअसल मस्जिद समिति ने सुप्रीम कोर्ट ने याचिका दायर कर मस्जिद का सर्वे कराने के निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी थी। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से पूछा कि वह उच्च न्यायालय क्यों नहीं गए। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में कुछ अहम निर्देश दिए, जिनके मुताबिक निचली अदालत को इस मामले पर सुनवाई करने से 8 जनवरी तक रोक दिया गया है।
एडवोकेट कमिश्नर की सर्वे रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में रखने का आदेश
गौरतलब है कि निचली अदालत के आदेश के बाद एडवोकेट कमिश्नर द्वारा संभल जामा मस्जिद का सर्व किया गया। इस सर्वे के दौरान ही बीते दिनों संभल में हिंसा भड़की जिसमें चार लोगों की मौत हो गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने हालात को देखते हुए एडवोकेट कमिश्नर की रिपोर्ट को सीलबंद लिफाफे में रखने और जारी न करने का भी निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश प्रशासन को हिदायत दी है कि शांति और सद्भाव का माहौल कायम रखा जाए।
कोर्ट ने जताई नाराजगी
कोर्ट ने कहा कि जिस जल्दबाजी में मामले पर ट्रायल कोर्ट ने सुनवाई की और सर्वे के आदेश दिए गए उससे स्थानीय लोगों के मन में शक हुआ जिसकी वजह से वे घरों से बाहर निकले। रिपोर्ट्स के अनुसार पुलिस ने उन पर फायरिंग की जिससे मासूम लोगों की जान गई और कई घायल हुए। मस्जिद समिति की तरफ से वरिष्ठ वकील हुजैफा अहमदी अदालत में पेश हुए।