लखनऊ (उत्तर प्रदेश):- उत्तर प्रदेश में साल 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार में बड़ा फेरबदल होने की संभावना जताई जा रही है। भाजपा के आत्मबल में बढ़ोतरी के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अब 2027 के विधानसभा चुनाव के लिए रणनीति बनाने में जुट गए हैं। भाजपा ने हाल ही में उत्तर प्रदेश विधानसभा की नौ सीटों में से सात सीटों पर जीत हासिल की है जिससे पार्टी को अपनी स्थिति मजबूत करने का मौका मिला है।
इस जीत के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से मंत्रिमंडल में फेरबदल और भाजपा संगठन में नए चेहरों को जिम्मेदारी सौंपे जाने की चर्चाएं तेज हो गई हैं। वर्तमान में योगी मंत्रिमंडल में 54 मंत्री हैं, जबकि आगामी फेरबदल में मंत्रिमंडल के आकार को बढ़ाकर 60 तक किया जा सकता है। इनमें से कुछ मंत्रियों को सरकार से संगठन में भेजा जा सकता है और संगठन के कुछ लोगों को सरकार में शामिल किया जा सकता है।
सियासी गलियारों में यह भी चर्चा हो रही है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कई मंत्रियों की कार्यशैली से नाखुश हैं और उन मंत्रियों को कैबिनेट से हटाया जा सकता है जिन्होंने संतोषजनक परिणाम नहीं दिए हैं। इसके अलावा पार्टी में अगले महीने बूथ अध्यक्षों और अन्य संगठनात्मक पदों पर चुनाव की प्रक्रिया शुरू होने वाली है जिसके बाद कई मंत्रियों को संगठन में भेजा जा सकता है।
इस फेरबदल के बाद करहल विधानसभा सीट से हारने के बावजूद भाजपा प्रत्याशी अनुजेश यादव को भी मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने की संभावना जताई जा रही है। यह कदम भाजपा को समाजवादी पार्टी (सपा) के गढ़ करहल में अपनी पैठ मजबूत करने में मदद कर सकता है। साथ ही भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी को भी मंत्री पद मिल सकता है। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि इन बदलावों से भाजपा 2027 के विधानसभा चुनाव में मजबूत स्थिति में आ सकती है और कई नए चेहरों के नेतृत्व में पार्टी को लाभ हो सकता है।