स्विट्जरलैंड:- विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने एमपॉक्स के बढ़ते मामलों को देखते हुए इसे वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित कर दिया है। यह फैसला एमपॉक्स के प्रकोप की गंभीरता और इसके वैश्विक प्रसार को देखते हुए लिया गया है । एमपॉक्स एक वायरल बीमारी है जो मंकीपॉक्स वायरस के कारण होती है। यह बीमारी अफ्रीका में पाई जाती है लेकिन हाल के वर्षों में यह वैश्विक स्तर पर फैल गई है। एमपॉक्स के लक्षणों में बुखा सिरदर्द मांसपेशियों में दर्द और त्वचा पर दाने शामिल है l डब्ल्यूएचओ के अनुसार एमपॉक्स के मामले दुनिया भर में बढ़ रहे हैं। इस बीमारी के कारण कई लोगों की मौत हो चुकी है और कई अन्य लोग इसके संक्रमण से पीड़ित हैं l भारत में भी एमपॉक्स के मामले सामने आए हैं। केंद्र सरकार ने इस बीमारी के प्रसार को रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं ।
एमपॉक्स के प्रकोप के कारण
एमपॉक्स के प्रकोप के कई कारण हो सकते हैं। इनमें से कुछ प्रमुख कारण हैं
– वायरस का प्रसार:एमपॉक्स वायरस का प्रसार दुनिया भर में हो रहा है। यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में संपर्क के माध्यम से फैलता है।
-स्वास्थ्य सेवाओं की कमी:कई देशों में स्वास्थ्य सेवाओं की कमी है, जिससे एमपॉक्स के मामलों का पता लगाना और उनका इलाज करना मुश्किल हो जाता है।
– जागरूकता की कमी: एमपॉक्स के बारे में जागरूकता की कमी है जिससे लोग इस बीमारी के लक्षणों को पहचानने में असमर्थ होते हैं और इसका इलाज करने में देरी होती है।
एमपॉक्स के प्रकोप को रोकने के लिए कदम
एमपॉक्स के प्रकोप को रोकने के लिए कई कदम उठाए जा सकते हैं। इनमें से कुछ प्रमुख कदम हैं:
– स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करना: स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने से एमपॉक्स के मामलों का पता लगाना और उनका इलाज करना आसान हो जाएगा।
– जागरूकता बढ़ाना: एमपॉक्स के बारे में जागरूकता बढ़ाने से लोग इस बीमारी के लक्षणों को पहचानने में सक्षम होंगे और इसका इलाज करने में देरी नहीं होगी।
– वायरस के प्रसार को रोकना:वायरस के प्रसार को रोकने के लिए कई कदम उठाए जा सकते हैं जिनमें से एक है संपर्क में आने से बचना।