Dastak Hindustan

आइसलैंड में 8 शताब्दियों की चुप्पी के बाद ज्वालामुखी का 10वीं बार विस्फोट, हवाई वीडियो ने इंटरनेट को कर दिया हैरान

रेक्जाविक (आइसलैंड):-आइसलैंड में एक ज्वालामुखी ने 8 शताब्दियों की चुप्पी के बाद 10वीं बार विस्फोट किया है। यह ज्वालामुखी आइसलैंड की राजधानी रेक्जाविक से लगभग 30 किलोमीटर दूर स्थित है। ज्वालामुखी के विस्फोट के बाद हवाई वीडियो ने इंटरनेट को हैरान कर दिया है। इस वीडियो में ज्वालामुखी के विस्फोट के बाद निकलने वाले लावे और धुएं को स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।

आइसलैंड के ज्वालामुखी विशेषज्ञों ने बताया कि यह ज्वालामुखी पिछले कुछ महीनों से सक्रिय था और इसके विस्फोट की संभावना पहले से ही व्यक्त की जा रही थी। आइसलैंड में ज्वालामुखी विस्फोट की घटनाएं आम हैं लेकिन यह ज्वालामुखी 8 शताब्दियों की चुप्पी के बाद विस्फोट हुआ है, जो एक बड़ी घटना है।

ज्वालामुखी विस्फोट के कारण

आइसलैंड के ज्वालामुखी विशेषज्ञों ने बताया कि ज्वालामुखी विस्फोट के कई कारण हो सकते हैं। इनमें से कुछ प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं:

– प्लेट टेक्टोनिक्स: आइसलैंड में ज्वालामुखी विस्फोट का एक प्रमुख कारण प्लेट टेक्टोनिक्स है। आइसलैंड में दो प्लेटें हैं जो एक दूसरे से टकराती हैं और यह टकराव ज्वालामुखी विस्फोट का कारण बनता है।

– मैग्मा: ज्वालामुखी विस्फोट का एक अन्य कारण मैग्मा है। मैग्मा एक प्रकार का तरल पदार्थ है जो ज्वालामुखी के नीचे जमा होता है और जब यह मैग्मा ज्वालामुखी के मुख तक पहुंचता है, तो यह विस्फोट का कारण बनता है।

ज्वालामुखी विस्फोट के प्रभाव

आइसलैंड में ज्वालामुखी विस्फोट के कई प्रभाव हो सकते हैं। इनमें से कुछ प्रमुख प्रभाव निम्नलिखित हैं:

– वायु प्रदूषण: ज्वालामुखी विस्फोट के बाद वायु प्रदूषण की समस्या उत्पन्न हो सकती है। ज्वालामुखी विस्फोट के बाद निकलने वाले धुएं और गैसों के कारण वायु प्रदूषण की समस्या उत्पन्न हो सकती है।

– भूमि प्रदूषण: ज्वालामुखी विस्फोट के बाद भूमि प्रदूषण की समस्या उत्पन्न हो सकती है। ज्वालामुखी विस्फोट के बाद निकलने वाले लावे और राख के कारण भूमि प्रदूषण की समस्या उत्पन्न हो सकती है। आइसलैंड में 8 शताब्दियों की चुप्पी के बाद ज्वालामुखी का 10वीं बार विस्फोट हुआ है।

शेयर करे

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *