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सर्दियों में रक्तचाप बढ़ने का खतरा, बीपी मरीजों को चाहिए विशेष ध्यान

सर्दियों के मौसम में उच्च रक्तचाप (हाई बीपी) के मरीजों के लिए यह समय और भी चुनौतीपूर्ण हो सकता है। ठंड के कारण खून की नलियां सिकुड़ने लगती हैं जिससे रक्त का प्रवाह रुक सकता है और खून गाढ़ा हो सकता है। यह स्थिति बीपी के मरीजों के लिए गंभीर खतरे का कारण बन सकती है, क्योंकि गाढ़ा खून आसानी से थक्का बना सकता है जो हार्ट अटैक या स्ट्रोक का कारण बन सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार ठंडे मौसम में बीपी के मरीजों को अत्यधिक सावधानी बरतनी चाहिए।

• ब्लड क्लॉटिंग के लक्षण

ब्लड क्लॉटिंग के लक्षणों में प्रभावित क्षेत्र में सूजन, लालिमा, और कोमलता के साथ-साथ धड़कन का तेज होना, सीने में दर्द, सांस लेने में तकलीफ या पेट में दर्द भी हो सकता है।

हाई बीपी के मरीजों के लिए क्या करें?

1. दवाइयां समय पर लें: उच्च रक्तचाप के मरीजों को अपनी दवाइयां समय पर और नियमित रूप से लेनी चाहिए। डॉक्टर से नियमित चेकअप कराना आवश्यक है ताकि बीपी पर निगरानी रखी जा सके।

2. गर्म कपड़े पहनें: ठंड से बचने के लिए ऊनी और गर्म कपड़े पहनें ताकि शरीर का तापमान सामान्य बना रहे और रक्त वाहिकाओं में संकुचन कम हो।

3. व्यायाम जारी रखें: सर्दी में भी शारीरिक गतिविधियों को कम न करें। हल्की-फुल्की एक्सरसाइज जैसे वॉकिंग या योग को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं ताकि ब्लड सर्कुलेशन ठीक रहे और रक्त गाढ़ा होने से बच सके।

4. वायरल संक्रमण से बचाव: सर्दी-जुकाम और फ्लू जैसी वायरल बीमारियां ब्लड प्रेशर पर असर डाल सकती हैं। इसलिए अपने शरीर को ठंड से बचाएं और फ्लू से बचाव के उपायों का पालन करें।

5. नमक और पानी का सेवन : सर्दियों में नमक का सेवन बढ़ सकता है, जो बीपी को बढ़ाता है। ऐसे में हाई बीपी के मरीजों को नमक का सेवन कम करने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा पर्याप्त मात्रा में पानी पीना भी जरूरी है ताकि शरीर हाइड्रेटेड रहे और रक्त का गाढ़ापन कम हो।

यह जानकारी उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण है जो उच्च रक्तचाप से पीड़ित हैं और सर्दी के मौसम में अपनी सेहत का ख्याल रखना चाहते हैं।

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