नई दिल्ली:-रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा से पहले एक महत्वपूर्ण सवाल उठता है – क्या नई दिल्ली को अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायालय (आईसीसी) के गिरफ्तारी वारंट पर कार्रवाई करनी होगी? आईसीसी ने पुतिन के खिलाफ युद्ध अपराधों और मानवता के खिलाफ अपराधों के आरोप में गिरफ्तारी वारंट जारी किया है l
भारत के लिए यह एक जटिल स्थिति है क्योंकि वह आईसीसी का सदस्य नहीं है लेकिन रूस के साथ उसके संबंध भी महत्वपूर्ण हैं। यदि भारत पुतिन की गिरफ्तारी नहीं करता है तो यह आईसीसी के अधिकार को कमजोर कर सकता है और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की प्रतिक्रिया को आकर्षित कर सकता है।
आईसीसी के गिरफ्तारी वारंट का महत्व
आईसीसी के गिरफ्तारी वारंट का महत्व इस तथ्य में है कि यह पहली बार है जब किसी स्थायी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्य देश के राष्ट्रपति के खिलाफ ऐसा वारंट जारी किया गया है। यह वारंट यूक्रेन में रूसी सेना द्वारा किए गए युद्ध अपराधों और मानवता के खिलाफ अपराधों के आरोपों पर आधारित है।
भारत की स्थिति
भारत ने अभी तक इस मामले में कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है लेकिन यह उम्मीद की जा रही है कि वह अपने रणनीतिक हितों और अंतर्राष्ट्रीय दबाव के बीच संतुलन बनाने की कोशिश करेगा। भारत के लिए यह एक महत्वपूर्ण निर्णय होगा जिसका अंतर्राष्ट्रीय संबंधों और उसकी विदेश नीति पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है।
पुतिन की भारत यात्रा से पहले आईसीसी के गिरफ्तारी वारंट पर कार्रवाई करने की आवश्यकता एक जटिल मुद्दा है। भारत को अपने रणनीतिक हितों, अंतर्राष्ट्रीय दबाव और अपनी विदेश नीति के बीच संतुलन बनाने की आवश्यकता होगी। यह निर्णय न केवल भारत के लिए महत्वपूर्ण होगा बल्कि यह अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लिए भी एक महत्वपूर्ण संदेश देगा।