नई दिल्ली:- मोदी सरकार ने राशन कार्डों के डिजिटलीकरण के बाद सार्वजनिक वितरण प्रणाली में बड़ा सुधार किया है। सरकार ने आधार और ई-केवाईसी (अपने ग्राहक को जानें) के जरिए सत्यापन के बाद 6 करोड़ से अधिक फर्जी राशन कार्डों को रद्द कर दिया है। इससे राशन वितरण प्रणाली में हेर-फेर की संभावना को कम किया गया है और सही लाभार्थियों को राशन मिल सकेगा।
देश में कुल 20.4 करोड़ राशन कार्डों के माध्यम से 80 करोड़ से अधिक लोग मुफ्त राशन प्राप्त कर रहे हैं। अब तक 99.80 प्रतिशत राशन कार्डों को आधार से लिंक कर दिया गया है। खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग ने इन राशन कार्डों की वितरण प्रक्रिया को पूरी तरह से कंप्यूटरीकृत कर दिया है। इसके अलावा 5.33 लाख ई-पीओएस (इलेक्ट्रॉनिक प्वाइंट ऑफ सेल) उपकरणों के जरिए राशन वितरण हो रहा है जिससे खाद्यान्न के वितरण में पारदर्शिता और सटीकता सुनिश्चित हो रही है।
राशन वितरण के दौरान लाभार्थियों का आधार प्रमाणीकरण किया जाता है जिससे यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि केवल सही पात्र व्यक्ति को ही राशन मिले। इस प्रक्रिया के तहत लगभग 98 प्रतिशत खाद्यान्न वितरण का आधार प्रमाणीकरण से संबंधित है जिससे अपात्र लाभार्थियों को सिस्टम से बाहर किया जा रहा है। सरकार का यह कदम सार्वजनिक वितरण प्रणाली को और भी अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।