लखनऊ (उत्तरप्रदेश ):- चुनाव आयोग ने समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव के हालिया ट्वीट का गंभीरता से संज्ञान लिया है। यह मामला उस समय सामने आया जब अखिलेश यादव ने ट्वीट में उत्तर प्रदेश में चल रही चुनावी प्रक्रिया को लेकर सवाल उठाए थे।
अखिलेश यादव ने ट्वीट कर यह आरोप लगाया था कि चुनाव के दौरान प्रशासनिक मशीनरी का दुरुपयोग किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी के पक्ष में चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित किया जा रहा है जिससे लोकतांत्रिक मूल्यों को खतरा हो सकता है। ट्वीट का संज्ञान लेते हुए चुनाव आयोग ने अखिलेश यादव से स्पष्टीकरण मांगा है। आयोग ने यह भी कहा है कि अगर आरोप बेबुनियाद पाए गए तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही आयोग ने राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी से रिपोर्ट मांगी है।
अखिलेश यादव के ट्वीट और चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया पर राजनीतिक माहौल गरमा गया है। विपक्षी दलों ने अखिलेश के दावों का समर्थन करते हुए स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव की मांग की है। दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अखिलेश यादव के आरोपों को निराधार बताते हुए कहा है कि यह हार के डर से फैलाई जा रही अफवाहें हैं।
मुद्दा क्यों महत्वपूर्ण है
उत्तर प्रदेश में चल रहे चुनावी दौर में यह विवाद चुनावी प्रक्रियाओं की पारदर्शिता और निष्पक्षता पर सवाल उठाता है। लोकतंत्र के लिए यह आवश्यक है कि चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष हों। इस मामले में अब सभी की निगाहें चुनाव आयोग की आगे की कार्रवाई पर हैं।