नई दिल्ली:- देश में चल रही मुफ्त सरकारी योजनाओं जैसे फ्री राशन, फ्री बिजली, फ्री पानी, फ्री बस सेवा, और अन्य कई योजनाओं को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। इस याचिका में मांग की गई है कि इन योजनाओं को तुरंत बंद किया जाए क्योंकि इन्हें राजनीतिक दलों द्वारा चुनाव के समय वोट हासिल करने के लिए रिश्वत के रूप में दिया जाता है। इन मुफ्त योजनाओं को चुनाव के दौरान राजनीतिक दल अपने पक्ष में वोट लाने के लिए लागू करते हैं। इसके तहत सरकारें जनता को फ्री राशन, बिजली, पानी, और अन्य सुविधाएं देती हैं। यह राजनीति का एक हिस्सा बन चुका है जो मतदाताओं को आकर्षित करने का एक साधन बनता है।
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में इन योजनाओं को रिश्वत के तौर पर बताया गया है। याचिकाकर्ता का कहना है कि यह योजनाएं चुनावों के दौरान मतदाताओं को प्रभावित करने का एक तरीका हैं और इन्हें तत्काल प्रभाव से बंद किया जाना चाहिए। साथ ही भविष्य में कोई राजनीतिक दल इस तरह की मुफ्त योजनाओं का ऐलान न करे यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
केंद्र सरकार की मुफ्त राशन योजना के तहत 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन दिया जा रहा है। इसके अलावा राज्य सरकारों द्वारा किसानों को सब्सिडी महिलाओं को वित्तीय सहायता और युवाओं के लिए मुफ्त टैबलेट जैसी योजनाएं भी चलाई जा रही हैं। इन योजनाओं का प्रचार चुनावों के दौरान बड़े पैमाने पर किया जाता है जो चुनाव परिणामों पर असर डालता है।
महिलाओं के लिए लाडली बहना योजना, लक्ष्मी भंडार योजना, और अन्य योजनाएं चलाई जा रही हैं जिनमें महिलाओं के खाते में रकम जमा करने का वादा किया जाता है। इसके अलावा युवाओं के लिए टैबलेट और अन्य सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं।
अगर सुप्रीम कोर्ट इस मामले में जल्द सुनवाई करता है और योजनाओं को बंद करने का आदेश देता है तो देश की जनता को इन मुफ्त सरकारी योजनाओं से हाथ धोना पड़ सकता है। चुनावों में इन योजनाओं का इस्तेमाल बंद हो सकता है और राजनीतिक दलों को नए तरीके से चुनावी रणनीतियों पर विचार करना पड़ सकता है।