बांका (बिहार):- बिहार के बांका जिले के अमरपुर थाना क्षेत्र के शाहपुर बलुआ गांव में कर्ज के बोझ से परेशान होकर एक ही परिवार के पांच सदस्यों ने जहर खा लिया। इस घटना में माता-पिता और उनके 12 वर्षीय पुत्र की मौत हो गई जबकि दो अन्य बच्चे अस्पताल में भर्ती हैं। इनमें से 16 वर्षीय पुत्री की हालत गंभीर बनी हुई है। मृतकों में कन्हैया महतो (40) उनकी पत्नी गीता देवी (35) और पुत्र धीरज कुमार (12) शामिल हैं। जबकि उनकी पुत्री सविता कुमारी (16) और पुत्र राकेश कुमार (8) का इलाज भागलपुर के मायागंज अस्पताल में चल रहा है।
मृतक की बेटी सविता कुमारी ने बताया कि उनके पिता ने बंधन बैंक और एस बंधन बैंक से करीब 20 लाख रुपये का कर्ज लिया था। लगातार बढ़ते ब्याज और मूलधन के चलते पिता इसे चुकाने में असमर्थ हो गए थे। बैंक कर्मियों और ग्रामीणों की बार-बार की बेइज्जती से पूरा परिवार तनाव में था। परिवार पर किस्त चुकाने का दबाव इतना बढ़ गया था कि गांव में चलना भी मुश्किल हो गया था। सविता ने बताया कि उनके पिता ने कई बार कहा कि उनका नाम गांव में खराब हो चुका है और अब वह जी नहीं सकते। घटना वाली रात को उन्होंने पूरे परिवार को खाने में जहर मिला दिया।
कैसे हुई घटना?
कन्हैया महतो ने अनाज में डालने वाली टिकिया (जहर) खाई और अपने परिवार को भी दी। उनका छोटा बेटा राकेश कुमार ने जहर खा लिया लेकिन उसे तुरंत उगल दिया जिससे उसकी जान बच गई। देर रात करीब 2 बजे कन्हैया महतो ने अपने छोटे भाई को फोन कर बताया कि पूरा परिवार जहर खा चुका है।
परिवार को तुरंत अमरपुर रेफरल अस्पताल ले जाया गया लेकिन उनकी हालत गंभीर होने के कारण उन्हें भागलपुर मायागंज अस्पताल रेफर कर दिया गया। रास्ते में कन्हैया महतो की मौत हो गई। बाद में अस्पताल में पत्नी गीता देवी और पुत्र धीरज ने भी दम तोड़ दिया। सविता और राकेश का इलाज जारी है जहां सविता की हालत गंभीर बनी हुई है।
इस हृदयविदारक घटना से पूरे गांव में शोक का माहौल है। ग्रामीणों का कहना है कि बैंकों और समूहों की लगातार वसूली और बेइज्जती ने इस परिवार को आत्महत्या के लिए मजबूर कर दिया। यह घटना कर्ज के बढ़ते दबाव और ग्रामीण परिवारों पर इसके गंभीर असर को उजागर करती है। स्थानीय प्रशासन और सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप की मांग उठ रही है।