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सनातन धर्म संसद में सनातन बोर्ड की मांग को लेकर आचार्यों का संगम, कुछ प्रमुख धर्माचार्य हुए शामिल नहीं

नई दिल्ली:- उत्तर-पूर्वी दिल्ली के यमुना खादर में शनिवार को सनातन धर्म संसद का आयोजन किया गया जिसमें जाने माने कथावाचक और सनातन न्यास बोर्ड के अध्यक्ष देवकीनंदन ठाकुर ने सनातन बोर्ड के गठन की मांग की। इस धर्म संसद में देशभर के प्रमुख आचार्य, साधु-संत, धर्माचार्य, महामंडलेश्वर और कथावाचक आमंत्रित थे।

हालांकि कुछ प्रमुख धर्माचार्य इस धर्म संसद में शामिल नहीं हुए जिनमें स्वामी कैलाशानंद गिरी, स्वामी अवधेशानंद गिरी, स्वामी गोविंद देवगिरी, आचार्य बालकृष्ण, स्वामी राजेंद्रदास जी, स्वामी चक्रपाणि और आचार्य प्रमोद कृष्णम जैसे नाम शामिल थे। इस पर जब टीवी9 भारतवर्ष ने सवाल पूछा तो अधिकांश धर्माचार्य गोलमोल जवाब देते नजर आए और माना कि अगर सभी धर्माचार्य शामिल होते तो एक मजबूत संदेश जाता।

सनातन बोर्ड के गठन की मांग के समर्थन में देश के प्रमुख नेताओं को एक चिट्ठी भेजी गई है जिसमें उनसे 20 नवंबर तक जवाब देने की अपील की गई है। हालांकि इस बारे में भी धर्माचार्यों ने साफ तौर पर कुछ नहीं कहा और यह माना कि यदि जरूरत पड़ी तो समयसीमा को बढ़ाया जा सकता है।

धर्म संसद के मंच पर ‘बंटोगे तो कटोगे’ का नारा भी देखने को मिला जिसके माध्यम से हिंदुओं को एकजुट होने का संदेश दिया गया। इस आयोजन में शामिल सभी धर्माचार्यों ने सरकार से जल्द से जल्द सनातन बोर्ड के गठन की मांग की।

 

 

 

 

 

 

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