मणिपुर (इम्फाल):- मणिपुर में हिंसा का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। हाल ही में जिरीबाम सहित छह पुलिस थाना क्षेत्रों में सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम (AFSPA) को फिर से लागू करने के केंद्र के फैसले के बाद हालात और बिगड़ गए हैं। राज्य सरकार ने अब इन क्षेत्रों से AFSPA को हटाने की मांग की है। इम्फाल पश्चिम और इम्फाल पूर्व जिलों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। यह कदम राज्य में छह लोगों की हत्या और उनके साथ कथित दुष्कर्म के बाद उठाया गया। इन घटनाओं ने घाटी के जिलों में गुस्से को भड़काया जिससे विरोध प्रदर्शन तेज हो गए। प्रदर्शनकारियों ने हिंसा के खिलाफ दो मंत्रियों और तीन विधायकों के घरों पर भी हमला किया।
मणिपुर सरकार के गृह विभाग के संयुक्त सचिव ने केंद्र को एक पत्र लिखा है। इसमें बताया गया कि 15 नवंबर को हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में AFSPA की समीक्षा और इसे हटाने की सिफारिश करने का निर्णय लिया गया। राज्य सरकार का कहना है कि मौजूदा हालात को देखते हुए AFSPA को लागू रखने से स्थिति और बिगड़ सकती है। बता दें कि केंद्र ने हाल ही में जिरीबाम सहित छह पुलिस थाना क्षेत्रों में AFSPA फिर से लागू किया है। इसके तहत सुरक्षाबलों को इन क्षेत्रों में विशेष अधिकार मिलते हैं। लेकिन राज्य सरकार का मानना है कि इन अधिकारों का दुरुपयोग हो सकता है और यह कदम राज्य में तनाव बढ़ा सकता है।
मणिपुर में लंबे समय से जातीय और सामुदायिक तनाव चल रहा है। AFSPA को हटाने की मांग पहले भी उठ चुकी है, लेकिन केंद्र और राज्य सरकार के बीच इस मुद्दे पर मतभेद जारी हैं।स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए प्रशासन ने कर्फ्यू और सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा किया है। वही विरोध प्रदर्शन तेज होते जा रहे हैं जिससे सरकार और प्रशासन की चुनौतियां बढ़ गई हैं।