नई दिल्ली:- भारत निर्वाचन आयोग ने झारखंड और महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के संदर्भ में भाजपा और कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप के मामलों में सख्ती दिखाई है। चुनाव आयोग ने आचार संहिता उल्लंघन की शिकायतों पर भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को अलग-अलग पत्र लिखकर जवाब मांगा है। दोनों दलों को 18 नवंबर सोमवार दोपहर 1:00 बजे तक अपना लिखित जवाब प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है।
क्या है मामला?
झारखंड और महाराष्ट्र में चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा और कांग्रेस ने एक-दूसरे पर चुनाव आचार संहिता उल्लंघन का आरोप लगाते हुए शिकायतें दर्ज कराई थीं। आयोग ने इन शिकायतों पर कार्रवाई करते हुए दोनों दलों को 22 मई 2024 को जारी की गई अपनी एडवाइजरी की याद दिलाई है। इसमें कहा गया था कि स्टार प्रचारकों और नेताओं को सार्वजनिक शिष्टाचार बनाए रखने और आदर्श आचार संहिता का पालन करने के लिए सतर्क रहना चाहिए।
झारखंड में एक चरण का मतदान पूरा हो चुका है। बाकी सीटों और महाराष्ट्र की सभी सीटों के लिए 20 नवंबर को मतदान होगा। इस दौरान भाजपा और कांग्रेस ने चुनाव प्रचार के दौरान एक-दूसरे पर अभद्र भाषा और आचार संहिता उल्लंघन के आरोप लगाए हैं। चुनाव आयोग ने अपने पत्र में स्पष्ट किया है कि चुनाव प्रचार के दौरान भड़काऊ बयानबाजी और शिष्टाचारहीन आचरण को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। आयोग ने दोनों दलों को इस मामले में तेजी से जवाब देने की हिदायत दी है ताकि समय पर उचित कार्रवाई की जा सके।
इस सख्ती के बाद राजनीतिक दलों और उनके नेताओं पर दबाव बढ़ गया है कि वे चुनाव प्रचार के दौरान मर्यादा का पालन करें। साथ ही, आयोग की इस कार्रवाई को आगामी चुनावों में निष्पक्षता बनाए रखने की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है।
चुनाव आयोग की इस सख्त कार्रवाई से यह स्पष्ट हो गया है कि वह चुनाव प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की अनियमितता या अनुशासनहीनता को नजरअंदाज नहीं करेगा। अब देखना होगा कि भाजपा और कांग्रेस इन शिकायतों पर क्या सफाई देते हैं और आयोग का आगे क्या रुख रहता है।
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