बारामती (महाराष्ट्र):- महाराष्ट्र की राजनीति के प्रमुख चेहरे और पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार ने चुनावी राजनीति से संन्यास लेने के संकेत दिए हैं। उन्होंने अपने बारामती दौरे के दौरान स्पष्ट किया कि वह अब आगे कोई चुनाव नहीं लड़ेंगे। शरद पवार ने कहा अब तक मैंने 14 चुनाव लड़े हैं। अब समय आ गया है कि मैं रुक जाऊं। मैंने यह तय कर लिया है कि मुझे चुनाव नहीं लड़ना चाहिए और अब नई पीढ़ी को मौका मिलना चाहिए।
शरद पवार ने यह भी कहा कि वह सत्ता के पीछे नहीं हैं बल्कि समाज के लिए काम करना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि उनके राज्यसभा कार्यकाल में अभी डेढ़ साल का समय बाकी है और इसके बाद वे सोचेंगे कि राज्यसभा में रहना है या नहीं। हालांकि लोकसभा चुनाव में हिस्सा न लेने की घोषणा उन्होंने स्पष्ट कर दी। शरद पवार ने अपने भतीजे और एनसीपी (एसपी) उम्मीदवार युगेंद्र पवार के लिए प्रचार करते हुए कहा कि अगले 30 वर्षों तक बारामती के विकास के लिए नए नेतृत्व की आवश्यकता है। युगेंद्र पवार, अजित पवार के खिलाफ आगामी 20 नवंबर को विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। इस मौके पर शरद पवार ने बारामती के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के काम की सराहना की लेकिन साथ ही जोर देकर कहा कि क्षेत्र को नए नेतृत्व की आवश्यकता है।
शरद पवार ने यह भी कहा कि इस साल की शुरुआत में बारामती लोकसभा सीट पर चुनाव कठिन था क्योंकि यह परिवार के भीतर ही लड़ा गया था। पांच महीने बाद फिर से ऐसे ही हालात देखने को मिल रहे हैं। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि बारामती की सांसद सुप्रिया सुले ने चुनाव में अजित पवार की पत्नी, सुनेत्रा पवार को हराया था। युगेंद्र पवार जो कि श्रीनिवास पवार (अजित पवार के छोटे भाई) के बेटे हैं इस बार अजित पवार के खिलाफ मैदान में उतर रहे हैं।
शरद पवार ने कहा कि अजित पवार ने 25 से 30 साल तक इस क्षेत्र में काम किया है और उनके काम पर किसी को कोई संदेह नहीं है। लेकिन अब समय आ गया है कि भविष्य के लिए तैयारी की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि हर किसी को मौका मिलना चाहिए और उन्होंने किसी को भी पीछे नहीं रखा। शरद पवार ने कहा अब समय है कि हम अगले 30 वर्षों तक क्षेत्र की सेवा करने वाले नेतृत्व को तैयार करें। अजित पवार पर कटाक्ष करते हुए शरद पवार ने कहा कि अगर कोई यह कहता है कि वह सब कुछ ले लेगा तो लोग उसे शायद न कहें परंतु ऐसा चलता नहीं है। शरद पवार ने यह भी कहा कि वह वोट मांगने नहीं आए हैं लेकिन बारामती की जनता ने हमेशा उनका समर्थन किया है और निराश नहीं किया है।