दिल्ली:- दिल्ली में वायु प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए सरकार द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। दीवाली के बाद दिल्ली के अकबर रोड क्षेत्र में एंटी-स्मॉग गन के माध्यम से पानी का छिड़काव किया गया ताकि प्रदूषण को कम किया जा सके। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने इस संदर्भ में कहा कि पिछले कुछ दिनों से दिल्ली की वायु गुणवत्ता बहुत खराब श्रेणी में रही है। उन्होंने यह भी बताया कि दीवाली के अगले दिन वायु प्रदूषण के बढ़ने की आशंका जताई जा रही थी लेकिन स्थिति नियंत्रित रही।
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने इसे दिल्ली के लोगों और विभिन्न विभागों के सामूहिक प्रयासों की सफलता बताया। उन्होंने कहा मैं दिल्ली के लोगों को बधाई देना चाहता हूं कि उन्होंने जिम्मेदार नागरिक के रूप में व्यवहार किया। उन्होंने पटाखे न फोड़कर केवल दीये जलाए, जिससे प्रदूषण को नियंत्रित करने में मदद मिली। मंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि इस साल पटाखों का कम उपयोग दिल्ली के लोगों के बदलते मानसिकता का संकेत है। उन्होंने उम्मीद जताई कि अगले साल तक वे उन लोगों को भी समझाने में सफल होंगे जो अभी भी पटाखे फोड़ते हैं।
पर्यावरण मंत्री ने यह भी घोषणा की कि आज से दिल्ली में प्रदूषण नियंत्रण के लिए पानी के छिड़काव की प्रक्रिया को बढ़ाया जाएगा। पानी के छिड़काव का यह प्रयास मुख्य रूप से उन क्षेत्रों में किया जाएगा जहां प्रदूषण का स्तर अधिक होता है। एंटी-स्मॉग गन का इस्तेमाल हवा में मौजूद धूल और प्रदूषण कणों को जमाने और वायु गुणवत्ता में सुधार करने के लिए किया जा रहा है। दिल्ली की सरकार ने प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए कई अन्य कदम भी उठाए हैं। जैसे कि सड़कों की सफाई और धूल पर नियंत्रण के लिए भी विशेष मशीनों का उपयोग किया जा रहा है। निर्माण स्थलों पर भी निगरानी रखी जा रही है ताकि धूल के उत्सर्जन को रोका जा सके।
पर्यावरण मंत्री ने जनता से आग्रह किया कि वे अपने दैनिक जीवन में छोटे-छोटे बदलाव करें जैसे कि सार्वजनिक परिवहन का अधिक उपयोग करना निजी वाहनों का कम उपयोग करना और हरियाली को बढ़ावा देना। इसके अलावा सरकार ने आने वाले दिनों में विशेष अभियान चलाने की योजना बनाई है जिससे लोगों को प्रदूषण नियंत्रण के महत्व के बारे में जागरूक किया जा सके। इन प्रयासों का उद्देश्य यह है कि दीवाली के समय या अन्य अवसरों पर भी प्रदूषण को नियंत्रित रखा जा सके और दिल्ली की हवा को शुद्ध एवं सुरक्षित बनाया जा सके।