अयोध्या:- अयोध्या जिसे रामनगरी के नाम से भी जाना जाता है इस बार अपने गौरव को पुनः उज्ज्वल करने जा रही है। इस वर्ष 22 जनवरी को भव्य राममंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के साथ ही अयोध्या ने वह खोया हुआ मान-सम्मान पुनः अर्जित किया जिसे पाने के लिए उसने 496 वर्षों तक प्रतीक्षा की थी। यह गौरव और संतोष अब आठवें दीपोत्सव के माध्यम से एक नई ऊँचाई पर पहुँचने के लिए तैयार है।
मंगलवार की शाम तक राम की पैड़ी, चौधरी चरण सिंह घाट, और भजन संध्या स्थल पर 28 लाख दीप सज्जित कर दिए गए हैं। इन दीपों को सज्जित करने के कार्य में 30,000 स्वयंसेवकों ने तीन दिनों तक पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ योगदान दिया है। दीपों का प्रज्ज्वलन बुधवार की शाम को संपन्न होगा जो इस आयोजन का मुख्य आकर्षण होगा।
दीपोत्सव के आरंभ में त्रेतायुगीन पुष्पक विमान की स्मृति को ताजा करने के लिए भगवान श्रीराम, माता सीता, भरत, लक्ष्मण और हनुमान के स्वरूप में कलाकार हेलीकॉप्टर से सरयू तट पर उतरेंगे। यहाँ पर राज्यपाल, मुख्यमंत्री और अन्य विशिष्ट लोग इनका स्वागत करेंगे। यह दृश्य न केवल श्रद्धालुओं बल्कि पर्यटकों के लिए भी अविस्मरणीय रहेगा।
दीप प्रज्ज्वलन के बाद पैड़ी परिसर में दीपोत्सव की मुख्य क्रियाएँ प्रारंभ होंगी जिसमें दीपों की अनोखी झिलमिलाहट के बीच रामकथापार्क का मंच विशेष आकर्षण का केंद्र बनेगा। रात 8:30 बजे से 11 बजे तक यहाँ रूस, नेपाल, श्रीलंका और सिंगापुर सहित विभिन्न देशों के कलाकार रामलीला का मंचन करेंगे जो इस आयोजन को और भी भव्य बनाएगा। अयोध्या का यह दीपोत्सव न केवल आस्था का प्रतीक है बल्कि यह आयोजन रामनगरी की कीर्ति का वह सूरज है जो हर साल और अधिक चमकता जा रहा है।