राजस्थान :- राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की 10वीं साइंस परीक्षा में छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हुआ है। इस वर्ष एक परीक्षक ने छात्रों की कॉपियों का मूल्यांकन करते समय अपना मूड ठीक न होने का बहाना बनाते हुए उन्हें उचित अंक नहीं दिए। यह मामला तब सामने आया जब छात्रों ने अपनी कॉपियों का पुनर्मूल्यांकन (रीचेक) कराने का निर्णय लिया।परीक्षक निमिषा जो कि 840 कॉपियों की जांच के लिए जिम्मेदार थीं ने बोर्ड को लिखित रूप से सूचित किया कि उन्होंने इस प्रक्रिया में अपने मूड के कारण अंक दिए थे। यह स्थिति उन छात्रों के लिए निराशाजनक है जिन्होंने अपनी मेहनत और लगन से परीक्षा की तैयारी की थी।
जिन छात्रों को प्रभावित किया गया, उन्होंने अपनी कॉपियों के पुनर्मूल्यांकन की मांग की जिसके बाद उन्हें सही अंक दिए गए। छात्रों का कहना है कि शिक्षा प्रणाली में इस प्रकार की लापरवाही नहीं होनी चाहिए। इससे न केवल छात्रों का भविष्य प्रभावित होता है बल्कि शिक्षा के प्रति उनकी लगन और मेहनत पर भी प्रश्नचिन्ह लगता है।
शिक्षा अधिकारियों ने इस मामले पर गंभीरता से ध्यान देने का आश्वासन दिया है और कहा है कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कठोर कदम उठाए जाएंगे। इस घटना ने यह दिखा दिया है कि परीक्षाओं में पारदर्शिता और जिम्मेदारी कितनी महत्वपूर्ण है। अंत में यह मामला राजस्थान की शिक्षा प्रणाली में सुधार की आवश्यकता को उजागर करता है, ताकि छात्रों को न्याय मिल सके और उनका मेहनत बेकार न जाए।