अयोध्या:- अयोध्या में प्रभु रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद यह पहली दीवाली है जो 500 वर्षों बाद आ रही है। इस विशेष अवसर पर श्रद्धालु यह जानने के लिए उत्सुक हैं कि रामलला किस प्रकार की पोशाक पहनेंगे। डिजाइनर मनीष त्रिपाठी जो रामलला के वस्त्रों को तैयार कर रहे हैं ने इस संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी साझा की है। मनीष त्रिपाठी के अनुसार धनतेरस की विशेष पोशाक पहले ही दिल्ली से अयोध्या पहुंच चुकी है। यह पोशाक गुजराती बंधेज पैटर्न पर तैयार की गई है जिसका कपड़ा गेहुंआ लाल है। इस पोशाक में चांदी के तारों की सिलाई और कढ़ाई की गई है जिसमें 8 रोल चांदी के तार शामिल हैं। इसे 30 दिनों में 15 श्रम साधकों ने तैयार किया है।
दिवाली के लिए रामलला की पोशाक में 11 से 12 मीटर कपड़ा लगेगा और इस बार साउथ सिल्क का चयन किया गया है। मनीष ने बताया कि इस विशेष पोशाक में सोने-चांदी के तारों से कढ़ाई की जाएगी जिसमें वैष्णव चिह्न भी होंगे। उन्होंने कहा हम राजा की सेवा कर रहे हैं इसलिए उनकी सेवा और पहनावा उसी स्तर का होना चाहिए। मनीष त्रिपाठी ने यह भी बताया कि रामलला की पोशाक को प्रतिदिन दिल्ली से अयोध्या भेजा जाता है। हर बड़े आयोजन पर भगवान की पोशाक भारतीय पारंपरिक टेक्सटाइल से तैयार की जाती है। उन्होंने यह सुनिश्चित किया है कि निर्माण के दौरान मर्यादाओं का ध्यान रखा जाए, इसलिए पोशाक की फोटो नहीं ली जाती।
इस वर्ष 30 अक्टूबर को होने वाले भव्य दीपोत्सव के लिए भी तैयारियां जोर शोर से चल रही हैं। इस दिन 28 लाख दीयों को जलाने का विश्व रिकॉर्ड बनाने की योजना है। इसके लिए 90,000 लीटर सरसों का तेल अयोध्या पहुंच चुका है। राम मंदिर को 5 टन सुगंधित फूलों से सजाया जाएगा और मंदिर परिसर में 2 लाख दीये जगमगाएंगे। कार्यक्रम का लाइव टेलीकास्ट दुनियाभर में किया जाएगा जिसमें कई मीडियाकर्मी अयोध्या पहुंच चुके हैं। इस दिवाली के मौके पर अयोध्या में एक अद्वितीय उत्सव मनाया जाएगा जो रामलला की पहली दिवाली के रूप में याद किया जाएगा।