लखनऊ (उत्तर प्रदेश):- लखनऊ के इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया फरंगी महल में ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना खालिद सैफ उल्लाह रहमानी की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण सुझावी बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में शहर के प्रतिष्ठित उलमा, अधिवक्ता, शिक्षाविद और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हुए जिन्होंने बोर्ड के कामकाज को लेकर अपने-अपने सुझाव साझा किए।
इस अवसर पर नदवतुल उलमा लखनऊ के सचिव मौलाना जाफर मसऊद हसनी नदवी, इस्लामिक सेंटर के चेयरमैन मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली, मुईद अहमद, मोहम्मद खालिद, डॉ. अजीज खां, शेख सऊद रईस एडवोकेट, मोहम्मद असलम एडवोकेट, डॉ. फैज वारसी और मौलाना सुफयान निजामी जैसे प्रमुख हस्तियों ने अपने सुझाव प्रस्तुत किए।
बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना रहमानी ने सभी सुझावों को ध्यानपूर्वक सुना और उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि शरीअत की हिफाजत में फरंगी महल के उलमा की सेवाओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया है। उन्होंने कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का लखनऊ शहर से पुराना और गहरा संबंध रहा है, जो आज भी कायम है। उन्होंने बोर्ड के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए बताया कि बोर्ड का प्रमुख मकसद शरीअत की रक्षा करना और मुस्लिम समाज में एकता स्थापित करना है।
मौलाना रहमानी ने बताया कि बोर्ड ने दारूल कजा कमेटी, इस्लाह-ए-मुआशरा कमेटी, तफहीम-ए-शरीअत कमेटी और लीगल सेल जैसी समितियाँ स्थापित की हैं जो पूरे देश में अपने कार्यों को अंजाम दे रही हैं। उन्होंने बोर्ड की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि यह सभी प्रमुख मुस्लिम संगठन और संस्थानों का समर्थन प्राप्त कर रहा है जो इसके उद्देश्य को मजबूती प्रदान कर रहा है।
मौलाना जाफर मसऊद हसनी नदवी ने कहा कि यह मुस्लिम समुदाय के लिए गर्व का विषय है कि भारत के मुसलमानों का बोर्ड पर विश्वास है। मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि बोर्ड की दारूल कजा पहल को और सक्रिय बनाने की आवश्यकता है ताकि लोग घरेलू मामलों के हल के लिए इस व्यवस्था का अधिक से अधिक उपयोग करें। बैठक का आरंभ इस्लामिक सेंटर के अध्यापक कारी कमरूद्दीन की तिलावत से हुआ और मौलाना नईमुर्रहमान सिद्दीकी ने अंत में अतिथियों का आभार व्यक्त किया।