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एयरलाइंस में बम की झूठी धमकियों को लेकर केंद्र सरकार ने व्यक्त की कड़ी प्रतिक्रिया

नई दिल्ली :- एयरलाइंस में बम की झूठी धमकियों को लेकर केंद्र सरकार ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने एयरलाइंस और सोशल मीडिया कंपनियों एक्स (पूर्व में ट्विटर) और मेटा के अधिकारियों के साथ एक वर्चुअल बैठक में इस मुद्दे पर सख्त रुख अपनाया। सरकार ने विशेष रूप से एक्स की आलोचना करते हुए कहा कि बम की झूठी धमकियों से निपटने में प्लेटफॉर्म की ढिलाई अपराध को बढ़ावा देने के समान है।

झूठी धमकियों से यात्रियों पर पड़ रहा है असर 

बैठक में यह भी कहा गया कि घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को निशाना बनाकर दी जा रही ऐसी झूठी धमकियों से न केवल यात्रियों की सुरक्षा खतरे में पड़ती है, बल्कि इससे राष्ट्रीय सुरक्षा पर भी गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। केंद्र ने सोशल मीडिया प्लेटफार्मों से इस तरह की गतिविधियों पर कड़ा नियंत्रण रखने और आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करने की मांग की, ताकि इन खतरों का समय पर और प्रभावी तरीके से सामना किया जा सके। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा एयरलाइंस और सोशल मीडिया दिग्गज एक्स और मेटा के अधिकारियों के साथ बुलाई गई एक वर्चुअल बैठक के दौरान केंद्र ने कड़ी आलोचना की।

अकासा, एयर इंडिया, इंडिगो और विस्तारा की उड़ानों को बम की धमकी मिली थी, जिससे उनके कुछ परिचालन प्रभावित हुए थे।

170 से भी ज्यादा विमानों को मिल चुकी धमकी 

16 अक्टूबर को बेंगलुरु जा रही अकासा एयर की एक फ्लाइट को बम से उड़ाने की धमकी मिलने के बाद स्थिति गंभीर हो गई, जिससे 180 से अधिक यात्रियों वाले विमान को दिल्ली वापस लौटना पड़ा। धमकी एक्स (पूर्व में ट्विटर) के माध्यम से मिली थी, जिसके बाद पुलिस ने उस अकाउंट के विवरण की मांग की, लेकिन यूजर आईडी या डोमेन की जानकारी नहीं मिल पाई। इससे वीपीएन या डार्क वेब ब्राउज़र के उपयोग का संदेह बढ़ गया है, क्योंकि इससे अकाउंट की पहचान करना मुश्किल हो जाता है।

दिल्ली पुलिस की साइबर सेल की टीमें इन धमकियों पर कड़ी नजर रख रही हैं और लगातार एक्स और अन्य प्लेटफॉर्म्स पर मॉनिटरिंग कर रही हैं। एक अधिकारी ने कहा, “हम किसी भी खतरे को हल्के में नहीं लेते और सभी सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करते हैं।” पिछले हफ्ते में भारतीय एयरलाइन्स की 170 से ज्यादा उड़ानों को बम धमकियों का सामना करना पड़ा है।

इन घटनाओं के बढ़ने के बाद सरकार कड़े कदम उठाने पर विचार कर रही है। इसमें अपराधियों को नो-फ्लाई सूची में डालने के साथ-साथ 1982 के नागरिक उड्डयन सुरक्षा के विरुद्ध गैरकानूनी कृत्यों के दमन अधिनियम में संशोधन शामिल है। प्रस्तावित संशोधनों का उद्देश्य विमान के ज़मीन पर होने के दौरान अपराधों के लिए तुरंत गिरफ़्तारी और जांच की अनुमति देना है। इसके अलावा, बम धमकी देने वाले अपराधियों के खिलाफ कड़ी सजा सुनिश्चित करने के लिए विमान सुरक्षा नियमों में भी बदलाव की योजना बनाई जा रही है, जिससे ऐसी घटनाओं पर सख्त नियंत्रण लगाया जा सके।

सरकार के इन प्रस्तावित उपायों का उद्देश्य नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और उड़ान सेवाओं को सुरक्षित बनाना है। ऐसे में, अपराधियों को कड़ी सजा देने के अलावा, यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि उड़ानों में यात्रा करने वाले लोग बिना किसी डर के अपनी यात्रा पूरी कर सकें।

साइबर सेल ने सभी एयरलाइनों को सलाह दी है कि वे किसी भी प्रकार की धमकी को गंभीरता से लें और तत्काल संबंधित प्राधिकृत एजेंसियों को सूचित करें। साथ ही, एयरलाइनों को यात्रियों की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त सुरक्षा प्रोटोकॉल अपनाने का निर्देश दिया गया है।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “हमें यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि उड़ानें सुरक्षित रहें और हम किसी भी संभावित खतरे को समय पर पहचान सकें। सभी एयरलाइनों को अपने सिस्टम को मजबूत करना होगा और हमें मिलकर काम करना होगा।”

सरकार यह भी देख रही है कि कैसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अन्य देशों के साथ मिलकर ऐसी घटनाओं के लिए एक प्रभावी प्रतिक्रिया तंत्र विकसित किया जा सके। इन सब प्रयासों का लक्ष्य न केवल मौजूदा खतरों का समाधान करना है, बल्कि भविष्य में ऐसे मामलों से निपटने के लिए एक मजबूत ढांचे का निर्माण करना भी है।

कुल मिलाकर, दिल्ली पुलिस और सरकार की ओर से उठाए जा रहे कदमों से यह स्पष्ट है कि वे ऐसी धमकियों के प्रति गंभीर हैं और यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हैं। सभी हितधारकों को एकजुट होकर इस दिशा में काम करने की आवश्यकता है, ताकि उड़ान यात्रा सुरक्षित और चिंता मुक्त हो सके।

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