बहराइच( उत्तर प्रदेश):- बहराइच हिंसा मामले में एक नया और चौंकाने वाला मोड़ सामने आया है। महसी से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विधायक सुरेश्वर सिंह ने अपनी ही पार्टी के सात कार्यकर्ताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। जिन पर उन्होंने आरोप लगाया कि उनके काफिले पर पत्थरबाजी और फायरिंग की गई। यह एफआईआर गंभीर धाराओं के तहत दर्ज की गई है जिसमें बीजेपी युवा मोर्चा के नगर अध्यक्ष अर्पित श्रीवास्तव सहित अन्य प्रमुख कार्यकर्ताओं के नाम शामिल हैं।
यह हिंसक घटना 13 अक्टूबर की बताई जा रही है जब महाराजगंज में हुई हिंसा में मारे गए रामगोपाल मिश्रा के शव को लेकर भीड़ ने बहराइच के मेडिकल कॉलेज के गेट के बाहर प्रदर्शन किया। उसी दौरान विधायक सुरेश्वर सिंह जब अपने बॉडीगार्ड और सहयोगियों के साथ वहां पहुंचे तो प्रदर्शनकारी उग्र हो गए और पत्थरबाजी शुरू कर दी। एफआईआर के अनुसार प्रदर्शनकारी भीड़ में बीजेपी कार्यकर्ता अर्पित श्रीवास्तव, अनुज सिंह रैकवार, शुभम मिश्रा, कुशमेंद्र चौधरी, मनीष चंद्र शुक्ल, पुंडरीक पांडेय और सुंधाशु सिंह राणा शामिल थे।
विधायक ने अपने बयान में कहा कि भीड़ ने नारेबाजी और गाली-गलौज करते हुए उनकी कार को रोका और जान से मारने की नियत से पत्थरबाजी की। इसी दौरान भीड़ से फायरिंग भी की गई, जिससे उनकी कार का शीशा टूट गया। विधायक ने यह भी बताया कि इस हमले में उनका बेटा अखंड प्रताप सिंह बाल-बाल बच गया। विधायक द्वारा दर्ज की गई एफआईआर में आरोपियों पर दंगा करने घातक हथियार से हमला करने हत्या का प्रयास करने व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालने और अन्य संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है। पुलिस फिलहाल आरोपियों की तलाश में जुटी हुई है और जल्द ही कार्रवाई करने का दावा किया है।
बहराइच हिंसा के इस मामले को गंभीरता से लेते हुए योगी सरकार ने बहराइच के ASP ग्रामीण पवित्र मोहन त्रिपाठी को हटाते हुए, उनकी जगह ASP दुर्गा प्रसाद तिवारी की तैनाती की है। पुलिस द्वारा मामले की जांच जारी है और क्षेत्र में तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है। विधायक ने दावा किया है कि घटना की पूरी तस्वीर सीसीटीवी फुटेज में साफ हो जाएगी जिसे जांच के लिए पुलिस के हवाले किया गया है।