नई दिल्ली :- भारत और कनाडा के बीच कूटनीतिक विवाद का असर अब आर्थिक मोर्चे पर भी असर डालने लगा है। खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद से शुरू हुए इस विवाद के चलते उन कनाडाई कंपनियों और फंड्स की चिंताएं बढ़ गई हैं जिन्होंने भारतीय कंपनियों में भारी निवेश किया है। खासकर कनाडाई पेंशन फंड (CPPIB) ने भारत के बैंकिंग से लेकर टेक्नोलॉजी और रिन्यूएबल एनर्जी जैसे क्षेत्रों में बड़ा इन्वेस्टमेंट किया हुआ है। जानकारी के अनुसार भारत और कनाडा के बीच करीब 8.4 अरब अमेरिकी डॉलर का वार्षिक व्यापार होता है (वित्त वर्ष 2023-24), जिसमें ज्वेलरी, फार्मास्युटिकल्स, केमिकल्स, पेपर और मिनरल्स जैसी वस्तुओं का लेन-देन शामिल है।
इस विवाद से 600 से अधिक कनाडाई कंपनियां जो भारत में व्यापार कर रही हैं और 30+ भारतीय कंपनियां जो कनाडा में मौजूद हैं सीधे प्रभावित हो सकती हैं। इसके अलावा दोनों देशों के बीच होने वाले द्विपक्षीय व्यापार में शामिल कई कंपनियां भी इस तनाव का शिकार हो सकती हैं। वित्त वर्ष 2022-23 में भारत और कनाडा के बीच द्विपक्षीय व्यापार 8.3 अरब डॉलर का था जो 2023-24 में बढ़कर 8.4 अरब डॉलर हो गया। इसमें भारत का कनाडा से आयात 4.6 अरब डॉलर पर पहुंच गया है जबकि निर्यात 3.8 अरब डॉलर पर आ गया है।