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शरदकालीन गन्ने की बुवाई: टॉप 5 किस्में और उनके लाभ

शाहजहांपुर/लखनऊ(,उत्तर प्रदेश ): गन्ने की फसल की बुवाई मुख्यतः शरदकाल और बसंतकाल में होती है। शरदकालीन गन्ने की बुवाई का सही समय सितंबर के अंत से अक्टूबर तक होता है। इस समय बुवाई करने से उत्पादन में लगभग 20% की वृद्धि होती है जिससे किसानों को बेहतर मुनाफा प्राप्त होता है। विशेषकर धान की फसल के बाद गन्ने की बुवाई करके किसान फसल चक्र का सही लाभ उठा सकते हैं। गन्ने की फसल एक बार बुवाई करने पर दो से तीन साल तक उत्पादन देती है। इसलिए किस्म का चयन करते समय यह ध्यान रखना अत्यंत आवश्यक है कि कौन सी किस्म शरदकालीन बुवाई के लिए उपयुक्त है। कुछ किस्में बसंतकाल में अधिक उपज देती हैं, जबकि कुछ ऐसी होती हैं जिन्हें शरदकाल में ही बोना चाहिए।

उत्तर प्रदेश गन्ना शोध संस्थान के प्रसार अधिकारी डॉ. संजीव कुमार पाठक के अनुसार शरदकालीन बुवाई के लिए निम्नलिखित किस्में सबसे लाभकारी हैं।

1. को.शा. 13235 – यह अगेती किस्म है और इसकी उपज उच्च होती है।

2. कोलख 14201 – यह भी एक प्रमुख किस्म है जो अच्छे उत्पादन के लिए जानी जाती है।

3. को. 15023 – यह मोटा गन्ना देता है और इसकी गुणवत्ता भी बेहतरीन है।

4. को.शा. 18231 – हाल ही में रिलीज हुई यह किस्म शरदकालीन बुवाई के लिए अत्यंत लाभकारी है।

5. कोलख. 16202 – यह भी नई किस्म है जो किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है।

किसान इन नई किस्मों के बीज उत्तर प्रदेश गन्ना शोध संस्थान शाहजहांपुर और भारतीय गन्ना अनुसंधान लखनऊ से ऑनलाइन आवेदन के माध्यम से प्राप्त कर सकते हैं। सही किस्म का चयन कर और उचित समय पर बुवाई करके किसान अपनी फसल के उत्पादन में वृद्धि कर सकते हैं और बेहतर लाभ कमा सकते हैं।

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