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प्रदूषण स्तर बढ़ने के बाद जागा ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण, अब खरीदेगा दो एंटी स्मॉग मशीन

ग्रेटर नोएडा (उत्तर प्रदेश):- दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण पर रोकथाम के लिए करीब एक महीने पहले से सुप्रीम कोर्ट चिंता जाहिर कर रहा है। प्रदेश सरकारों, प्रदूषण विभाग, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग तक को आड़े हाथों लिया। प्रदूषण की रोकथाम के लिए तैयारियां चलने लगीं।

इतना सब होता रहा लेकिन ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने प्रदूषण की रोकथाम के लिए कुछ नहीं किया। अब जब दो दिन पहले ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) का पहला चरण लागू हुई तब प्राधिकरण ने एंटी स्मॉग खरीदने की जहमत उठाई। प्राधिकरण के मुताबिक दो मोबाइल एंटी स्मॉग मशीन खरीदने के लिए अनुमति मिल गई है। जल्द कर्मचारियों को मशीन उपलब्ध कराई जाएगी।

देश में हर बार प्रदूषण में शीर्ष पर रहता है ग्रेटर नोएडा

ग्रेटर नोएडा देश में प्रदूषण स्तर पर कई बार पहले पायदान पर रह चुका है। तीन दिन पहले 313 एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) दर्ज किया गया था। पिछले दो दिन से 200 के करीब एक्यूआई है। इस वर्ष भी प्रदूषण का स्तर बढ़ने के साथ ही ग्रेटर नोएडा देश के सबसे प्रदूषित शहर में पहले स्थान पा चुका है।

शहर की सड़कों पर पानी का छिड़काव नजर नहीं आ रहा है। ग्रेटर नोएडा वेस्ट व ईस्ट में निर्माणाधीन साइट पर निगरानी नहीं रखी जा रही है। ग्रेटर नोएडा वेस्ट में भी ग्रीन बेल्ट व सड़कों पर छिड़काव नहीं किया जा रहा है। सड़कों व नालों का निर्माण चल रहा है जहां ग्रेप के दिशा निर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा।

प्रदूषण विभाग ने लगाई पेनाल्टी

इस पर प्रदूषण विभाग ने पेनाल्टी लगाने की कार्रवाई भी की है। हालांकि प्राधिकरण ने अपने सभी वर्क सर्किल प्रभारियों का वेतन रोक दिया है। यह कार्रवाई प्रदूषण की रोकथाम में लापरवाही बरतने पर की गई है। ग्रेप के नियमों का पालन होने के बाद ही वेतन जारी किया जाएगा। प्राधिकरण का कहना है कि जो भी हॉट स्पॉट चिह्नित है वहां नियमित निगरानी रखने को कहा है।

पराली जलाने पर किसान पर लगा जुर्माना

तहसीलदार ने जेवर बांगर स्थित खेत में किसान की तरफ से पराली जलाने पर पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। साथ ही कोतवाली पुलिस को निर्देश दिए हैं कि वह कार्रवाई करे। तहसीलदार जेवर विवेक भदौरिया के निर्देश पर कृषि विभाग के सचिन कुमार व लेखपाल धीरेंद्र कुमार ने पुलिस को सूचना देकर शिकायत दर्ज कराई।

जिसमें कहा कि 15 अक्टूबर को सेटेलाइट सर्वे सूचना के आधार पर की गई जांच में जेवर के मौहल्ला मानक चौक निवासी खान मोहम्मद द्वारा जेवर बांगर स्थित अपने खेत पर पराली(खेती के अवशेष) जला रहा था। इसकी जांच के लिए कृषि विभाग के कर्मचारी व लेखपाल मौके पर पहुंचे।

जांच के दौरान उन्होंने खान मोहम्मद के खेत में पराली जलती हुई पाई। आरोपित की तरफ से पराली जलाकर मिट्टी व जलवायु मानव स्वास्थ्य को हानि पहुंचाई गई है। तहसीलदार ने आरोपित किसान पर पराली जलाने के आरोप में पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाते हुए तहसील कार्यालय में जुर्माना राशि जमा करने के निर्देश दिए हैं। जुर्माना जमा न करने पर वसूली की कार्रवाई की जाएगी।

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