हरदोई, (उत्तर प्रदेश): हरदोई में मेडिकल कॉलेज में नकली खून के कारोबार का मामला सामने आया है जिसमें एक अधेड़ मरीज को ब्लड की जरूरत के नाम पर ठगी की गई। यह घटना तब सामने आई जब मरीज के परिजनों ने ‘ओ-पॉजिटिव’ ब्लड की मांग की और विपिन तिवारी नामक एक व्यक्ति ने 7,000 रुपये लेकर ब्लड उपलब्ध कराने का वादा किया। मामला कोतवाली देहात के बहर निवासी कौशल किशोर से जुड़ा है जिनके मरीज कृष्ण मुरारी को मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। मरीज के परिजनों ने जब ब्लड की व्यवस्था करने का प्रयास किया तो विपिन तिवारी उनके संपर्क में आया। उसने 7,000 रुपये में ब्लड दिलाने का आश्वासन दिया और परिजनों ने उसे पैसे दे दिए। रात में शिवा नाम का युवक हरदोई ब्लड बैंक का बैग लेकर आया। मरीज के परिजनों ने जब ब्लड की जांच की तो डॉक्टर ने कहा कि इसे अगले दिन चढ़ाना होगा। इसीलिए उन्होंने ब्लड यूनिट को मेडिकल कॉलेज के रेफ्रिजरेटर में रखवा दिया।
सुबह जब कौशल किशोर ब्लड लेने के लिए ब्लड बैंक पहुंचे तो लैब टेक्नीशियन अकील खां ने देखा कि ब्लड बैग पर नंबर 5416 लिखा था जो कि हरदोई ब्लड बैंक का नहीं था। इसके बाद उन्होंने मामले की गंभीरता को समझते हुए ब्लड बैंक के इंचार्ज पवन कुमार और सीएमएस डा. जेके वर्मा को सूचना दी। जब सीएमएस और इंचार्ज ने बैग की जांच की तो पता चला कि बैग पर लिखी मात्रा 4.50 एमएल है जबकि सरकारी ब्लड बैंक के बैग पर मात्रा 3.50 एमएल होती है। यह भी पाया गया कि बैग का बाउचर भी सही नहीं था।
सीएमएस डा. जेके वर्मा ने कहा कि यह गंभीर मामला है और उन्होंने पुलिस को तहरीर दे दी है। उन्होंने आश्वासन दिया कि इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाएगा। इसके अलावा यह भी कहा गया कि संभावित रूप से निजी अस्पतालों और नर्सिंग होम्स के लोग भी इस मामले में शामिल हो सकते हैं। अभी तक केवल विपिन तिवारी और शिवा के नाम सामने आए हैं लेकिन यह भी माना जा रहा है कि आगे की जांच में और चेहरों का खुलासा हो सकता है।