नई दिल्ली :- डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि डॉ. कलाम का जीवन न केवल विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान के लिए जाना जाता है, बल्कि वह लाखों भारतीयों के लिए प्रेरणा का अटूट स्रोत बने हुए हैं। मिसाइल मैन के रूप में विख्यात डॉ. कलाम ने अपने साधारण जीवन और असाधारण दृष्टिकोण से हर भारतीय के दिल में एक खास स्थान बनाया।
पीएम मोदी ने कहा, “डॉ. कलाम का विनम्रता से भरा जीवन, उनकी अनुकरणीय सेवा और देश के प्रति समर्पण हमें आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। उनके विचार, विशेष रूप से युवाओं के प्रति उनका दृष्टिकोण, हमें सदैव प्रगति की राह पर चलने का संबल देता रहेगा।”
डॉ. कलाम के नेतृत्व में भारत ने कई वैज्ञानिक ऊँचाइयों को छुआ जिसमें पोखरण-2 परमाणु परीक्षण का विशेष स्थान है। उनके संदेश और कार्य आज भी भारत को आत्मनिर्भर बनाने और शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार लाने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संदेश में यह भी उल्लेख किया कि डॉ. कलाम का जीवन सादगी, सेवा और समर्पण का प्रतीक था। उन्होंने न केवल विज्ञान और प्रौद्योगिकी में अभूतपूर्व योगदान दिया बल्कि देश के विकास और शिक्षा के प्रति उनकी गहरी सोच ने नई पीढ़ियों को लगातार प्रेरित किया है। उनके विचारों ने समाज के हर वर्ग के लोगों को एक बेहतर और समृद्ध भविष्य के निर्माण के लिए प्रोत्साहित किया।
डॉ. कलाम का मानना था कि “सपने वो नहीं जो हम सोते समय देखते हैं, बल्कि सपने वो हैं जो हमें सोने नहीं देते।” इस सिद्धांत ने भारत के युवाओं को बड़ी महत्वाकांक्षाओं और लक्ष्यों की ओर अग्रसर किया। प्रधानमंत्री मोदी ने भी इस पर जोर दिया कि कलाम का जीवन और उनके विचार युवाओं को न केवल सोचने बल्कि कुछ कर गुजरने की शक्ति देते हैं।
डॉ. कलाम की जयंती को ‘विश्व छात्र दिवस’ के रूप में मनाना यह बताता है कि उन्होंने जीवनभर शिक्षा और छात्रों के लिए विशेष कार्य किए। वे हमेशा इस बात पर जोर देते थे कि शिक्षा केवल जानकारी प्राप्त करने का साधन नहीं है बल्कि यह एक इंसान को समाज के लिए बेहतर और जिम्मेदार नागरिक बनने का माध्यम है।
इस मौके पर देशभर में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है जिसमें विशेष रूप से छात्रों और युवा वैज्ञानिकों को डॉ. कलाम की विचारधारा से अवगत कराया जाता है। उनकी जयंती हर साल न केवल भारत में बल्कि दुनियाभर में उनके योगदान और प्रेरणा को सम्मानित करने का अवसर बन गई है।
डॉ. कलाम का जीवन इस बात का उदाहरण है कि किस प्रकार एक व्यक्ति अपने सपनों को साकार कर सकता है और साथ ही राष्ट्र के भविष्य को भी एक नई दिशा दे सकता है।