मोदी सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को अगले 5 साल के लिए बढ़ाने का निर्णय लिया है। यह योजना 1 जनवरी 2024 से लागू होगी और इससे देश के लगभग 80 करोड़ गरीब लोगों को राहत मिलेगी। योजना का मुख्य उद्देश्य जरूरतमंद परिवारों को मुफ्त राशन प्रदान करना है, ताकि वे अपने जीवन-यापन में सहायता प्राप्त कर सकें।
योजना की शुरुआत और उद्देश्य
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना की शुरुआत कोरोना महामारी के दौरान की गई थी जब देशभर में आर्थिक संकट और बेरोजगारी चरम पर थी। इसका उद्देश्य उन गरीब और वंचित लोगों तक पहुंचना था जिनके पास खाने की उचित व्यवस्था नहीं थी। इस योजना के तहत हर गरीब नागरिक को 5 किलो तक मुफ्त राशन दिया जाता है।
योजना के तहत पात्रता
इस योजना का लाभ उन्हीं लोगों को मिलता है जो सरकार द्वारा निर्धारित पात्रता मानदंडों के तहत आते हैं। ये पात्रताएं निम्नलिखित हैं:
विधवा या गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति के परिवार।
भूमिहीन कृषि मजदूर।
सीमांत किसान।
ग्रामीण कारीगर/शिल्पकार जैसे कुम्हार, चर्मकार, बुनकर, लोहार, बढ़ई।
झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले लोग।
अनौपचारिक क्षेत्र में दैनिक आधार पर आजीविका कमाने वाले व्यक्ति जैसे कुली, रिक्शा चालक, हाथ गाड़ी चालक, फल और फूल विक्रेता, कूड़ा बीनने वाले, मोची, निराश्रित लोग।
लाभ कैसे लें?
योजना का लाभ उठाने के लिए लाभार्थी के पास राशन कार्ड और आधार कार्ड होना अनिवार्य है। लाभार्थी राशन डीलर की दुकान पर जाकर पोस मशीन के माध्यम से अपने फिंगरप्रिंट के जरिए पहचान सत्यापित करवाकर इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकता है।
योजना का विस्तार
सरकार ने अब इस योजना को 1 जनवरी 2024 से अगले 5 साल तक बढ़ाने का फैसला किया है ताकि देश के गरीब और जरूरतमंद नागरिकों को अगले कुछ वर्षों तक मुफ्त राशन मिलता रहे। इससे लाखों परिवारों की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित होगी और वे बेहतर जीवन यापन कर सकेंगे।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना गरीब तबके के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह योजना उन लोगों के लिए जीवनरेखा के समान है जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और उन्हें नियमित रूप से भोजन की आवश्यकता होती है।