कोल्हापुर( महाराष्ट्र): हाल ही में, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले में एक दलित परिवार के घर जाकर न केवल खाना खाया, बल्कि वहां चने का साग और बैगन बनाने में भी मदद की। इस दौरान उन्होंने स्थानीय दलित परिवार के सदस्यों के साथ जाति और भेदभाव के निजी अनुभवों पर भी चर्चा की।
राहुल गांधी ने अपने एक्स अकाउंट पर इस अनुभव का एक वीडियो साझा किया जिसमें उन्होंने बताया कि वह और उनके साथी दलित खानपान के प्रति जागरूकता की कमी और इस संस्कृति के दस्तावेजीकरण के महत्व पर चर्चा कर रहे थे। उन्होंने उल्लेख किया कि इस प्रकार के अनुभवों से समाज में जाति आधारित भेदभाव को कम करने और दलित संस्कृति को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।
राहुल गांधी ने कोल्हापुर में हेलीकॉप्टर से उतरने के बाद सीधे उंचगांव गांव का दौरा किया जो लगभग 50,000 की आबादी वाला एक गांव है। वहां पहुंचने पर उन्होंने बिना किसी पूर्व सूचना के अजय कुमार तुकाराम सनदे के घर का दौरा किया जिससे वहां के लोग हैरान रह गए।
इस दौरान, राहुल गांधी ने दलित परिवार के साथ मिलकर न केवल खाना बनाया बल्कि उनके साथ समय बिताकर उनकी संस्कृति और जीवनशैली को भी समझने का प्रयास किया। उन्होंने यह अनुभव साझा करते हुए कहा कि ऐसे अनुभवों से सामाजिक समरसता को बढ़ावा मिल सकता है और लोगों में एक दूसरे के प्रति सहानुभूति बढ़ेगी।
इस कदम से यह संदेश भी दिया गया कि दलित संस्कृति और खानपान की विविधता को समझना और सराहना कितना महत्वपूर्ण है जिससे समाज में जातिगत भेदभाव को समाप्त किया जा सके।