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ईशा फाउंडेशन पर लगे आरोपों को सुप्रीम कोर्ट ने किया खारिज, फाउंडेशन को बड़ी राहत

नई दिल्ली:- ईशा फाउंडेशन को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है जिसमें रिटायर्ड प्रोफेसर ने अपनी बेटियों को जबरन सेंटर में रखने का आरोप लगाया था। इस मामले में फाउंडेशन को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिल गई है।

ईशा फाउंडेशन एक आध्यात्मिक संगठन है जिसे सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने 1992 में स्थापित किया था। यह संगठन योग पर्यावरण और सामाजिक कार्य के क्षेत्र में सक्रिय है। फाउंडेशन की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट से तत्काल सुनवाई की मांग की थी।

इस मामले में रिटायर्ड प्रोफेसर ने आरोप लगाया था कि ईशा फाउंडेशन ने उनकी बेटियों को जबरन अपने सेंटर में रखा हुआ है। हालांकि फाउंडेशन ने इस आरोप का खंडन किया है और कहा है कि वह अपने कार्यक्रमों में भाग लेने वाले सभी व्यक्तियों की सुरक्षा और सुविधा का ध्यान रखता है।

अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले से ईशा फाउंडेशन को बड़ी राहत मिली है। यह फैसला फाउंडेशन के लिए एक बड़ी जीत है जो अपने कार्यक्रमों में भाग लेने वाले लोगों की सुरक्षा और सुविधा के लिए प्रतिबद्ध है।

*ईशा फाउंडेशन के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें:*

– _योग और आध्यात्मिकता:_ ईशा फाउंडेशन योग और आध्यात्मिकता के क्षेत्र में कार्य करता है और लोगों को इन्नर इंजीनियरिंग जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से आत्म-ज्ञान और शांति प्राप्त करने में मदद करता है ।

– _पर्यावरण संरक्षण:_ फाउंडेशन पर्यावरण संरक्षण के लिए भी कार्य करता है और ग्रीन हैंड्स परियोजना के माध्यम से पेड़ लगाने और पर्यावरण सुरक्षा के लिए काम करता है।

– _सामाजिक कार्य:_ ईशा फाउंडेशन सामाजिक कार्य के क्षेत्र में भी सक्रिय है और ग्रामीण कायाकल्प कार्य और सेवा के माध्यम से ग्रामीण जनता के स्वास्थ्य और जीवन में सुधार लाने का काम करता है।

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