नई दिल्ली :- पिछले साल अंतर्राष्ट्रीय बाजार में बासमती चावल का भाव $917 प्रति टन था जिसके बावजूद भारतीय किसानों को ₹3500 प्रति क्विंटल की कीमत मिल रही थी। लेकिन आज जब अंतर्राष्ट्रीय मार्केट में बासमती चावल का भाव $1037 प्रति टन हो गया है किसानों को मात्र ₹2200 प्रति क्विंटल का ही मूल्य मिल पा रहा है। इस स्थिति से किसानों में गहरा असंतोष और हताशा है क्योंकि सारा फायदा निजी व्यापारी उठा रहे हैं और किसान संघर्ष की स्थिति में हैं।
किसानों का कहना है कि जब अंतर्राष्ट्रीय बाजार में बासमती के दाम बढ़ रहे हैं तो उन्हें भी इसका लाभ मिलना चाहिए। पिछले साल की तुलना में इस साल बाजार में बासमती के दाम बढ़े हैं लेकिन किसानों के लिए इसका उल्टा प्रभाव देखा जा रहा है। जहां अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कीमतें बढ़ी हैं वहीं देश के किसानों को अपने उत्पाद के लिए कम दाम मिल रहे हैं। यह सीधा संकेत है कि बिचौलिए और प्राइवेट ट्रेडर इस पूरे सिस्टम का फायदा उठा रहे हैं जबकि किसान अपने परिश्रम का सही मूल्य पाने से वंचित रह रहे हैं।