प्रयागराज (उत्तर प्रदेश):- जिलाधिकारी (DM) के नाम के आगे माननीय लिखने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से सवाल पूछा है कि आखिर राज्य सरकार के अफसर अपने नाम के आगे माननीय कैसे लिख सकते हैं। इतना ही नहीं कोर्ट ने राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव से पूछा कि किस प्रोटोकाल के तहत राज्य के अधिकारी अपने पदनाम के साथ माननीय लगाने के हकदार हैं। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई में प्रमुख सचिव को जवाब दाखिल करने को कहा है।
यह है पूरा मामला
इटावा के कृष्ण गोपाल राठौर की ओर से दायर याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है। याची कृष्ण गोपाल राठौर ने सरकारी पत्राचार में राज्य के विभिन्न रैंक के अधिकारियों के नाम के साथ माननीय शब्द का नियमित रूप से उल्लेख किए जाने पर सवाल खड़ा किया था। इस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज जेजे मुनीर ने राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव से जवाब मांगा है।
24 घंटे में आदेश की कॉपी लखनऊ भेजने को कहा
जस्टिस जेजे मुनीर ने कहा कि यह हैरान करने वाली बात है कि राज्य के मंत्री और अन्य संप्रभु पदाधिकारियों के लिए उपयोग होने वाला माननीय शब्द राज्य सरकार के अधीन सेवारत अधिकारी के लिए कैसे किया जा सकता है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस जेजे मुनीर ने 24 घंटे के अंदर रजिस्ट्रार को आदेश की प्रति लखनऊ भेजने का निर्देश दिया। अगली तारीख में प्रमुख सचिव से जवाब फाइल करने को कहा है।