कानपुर (उत्तर प्रदेश):- नौकरी दिलाने का झांसा देकर साइबर ठगी करने वाले गिरोह के सरगना को साथी के साथ क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी एक नामी वेबसाइट से युवाओं का डेटा खरीदते थे। फिर फर्जी नियुक्ति पत्र जारी कर ड्रेस, हाउस रेंट, फ्लाइट टिकट के नाम पर कई बार में लाखों रुपये वसूलते थे। गिरफ्तार आरोपियों ने पांच बैक खातों की जानकारी पुलिस को दी है। जिनमें करोड़ों रुपये हैं। खातों की जानकारी कर इन्हें रोकने की प्रक्रिया में पुलिस जुट गई है। वहीं आरोपी ने पूछताछ में बताया कि उसने यूट्यूब देखकर साइबर ठगी करना सीखा और खुद का गैंग तैयार कर लिया।
इस तरह से मामला खुला
जालौन के माधवगढ़ निवासी राजनाथ सिंह ने शहर की युवती को फोनकर एक एयरलाइंस में टिकट बुकिंग की जॉब का झांसा दिया। पीडि़त से कई बार में एक लाख रुपये से ज्यादा की रकम वसूल ली। फर्जी ज्वाइनिंग लेटर भी भेज दिया। इसके बाद आरोपियों ने फोन उठाना बंद कर दिया। जिसके बाद युवती को ठगी का अहसास हुआ और उसने साइबर थाने में शिकायत की।
पोर्टल खंगालने पर 16 लोग आए सामने
साइबर सेल ने प्रतिबिंब पोर्टल खंगाला तो 16 लोगों ने इंडिगो एयरलाइंस में नौकरी के नाम पर ठगी की शिकायत की हुई थी। सर्विलांस पर केशव नगर (जूही) और नोएडा में हॉट स्पॉट एक्टिव मिले। सर्विलांस की मदद से राजनाथ और गिरोह का सरगना अभिषेक गिरफ्तार हो गए। वहीं नोएडा में गैंग ऑपरेट कर रहे चार शातिर फरार हैं। गिरफ्तार आरोपियों ने नौकरी की तलाश में विभिन्न वेबसाइट पर रेज्यूम अपलोड करने वाले युवाओं को झांसा देकर ठगी की बात कबूली है।
नाइजीरियन भी गैंग में शामिल
दिल्ली में रहने वाले नाइजीरियन भी इस गैैंग में शामिल हैैं। एक हजार रुपये में फर्जी पहचान पर सिम कार्ड और चार हजार रुपये किराए पर बैैंक खाता आसानी से ठगों को मिल जाता है। इसके बाद किसी भी वेबसाइट से डेटा चोरी करने के बाद उन लोगों की तलाश की जाती है जो वास्तव में जरूरतमंद है। पहले रजिस्ट्रेशन उसके बाद तमाम दूसरी फार्मेलिटी के नाम पर ठगी की वारदात को अंजाम दिया जाता है। पीडि़त को जब तक समझ में आता है, तब तक उसकी रकम खाते से निकल जाती है।
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