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तिरुपति बालाजी मंदिर के बाद अब मथुरा में उठा प्रसाद का मुद्दा

मथुरा (उत्तर प्रदेश):- तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में मिलावट की खबरों पर वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर के सेवाधिकारी आशीष गोस्वामी ने इसे “अक्षम्य अपराध” बताया। उन्होंने कहा कि धर्म की रक्षा करना हमारी पहली जिम्मेदारी है। गोस्वामी ने बांके बिहारी मंदिर के भोग की शुद्धता पर भी बात करते हुए बताया कि वहां प्रसाद बनाने में पवित्रता का पूरा ध्यान रखा जाता है।

बिहारी जी का भोग कैसे बनता है?

आशीष गोस्वामी ने कहा, “तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में चर्बी मिलने की खबर सुनकर मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि हमारे बांके बिहारी मंदिर में भगवान के भोग में इस्तेमाल होने वाली हर सामग्री शुद्ध और पवित्र होती है। हम घी, दूध, दही और मक्खन का प्रयोग ब्रज क्षेत्र से ही करते हैं, जो हमारी अपनी गौशालाओं से प्राप्त होता है। यहां भगवान के लिए दूध से दही जमाया जाता है और उसी से मक्खन और घी बनाकर भोग तैयार किया जाता है। हम बाहर से कुछ भी नहीं मंगवाते।”

गोस्वामी ने जोर देकर कहा, “मिलावट एक अक्षम्य अपराध है। हमारी जिम्मेदारी है कि हम अपने सनातन धर्म, हिंदू संस्कृति और मंदिरों की शुद्धता बनाए रखें। भगवान के प्रसाद को शुद्ध और पवित्र रखना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।”

उन्होंने आगे कहा, “कोई भी धर्माचार्य या पुजारी भगवान की पूजा और सेवा में त्रुटि नहीं चाहता, लेकिन अगर कहीं से कोई शिकायत आती है, तो उसे गंभीरता से लेकर उसकी जांच की जानी चाहिए। मैं शासन और मंदिर प्रबंधन से अनुरोध करता हूं कि भगवान के प्रसाद की शुद्धता और पवित्रता सुनिश्चित की जाए। हमारी आस्था और भगवान सबसे महत्वपूर्ण हैं, और किसी भी प्रकार की लापरवाही अस्वीकार्य है।”

गोस्वामी का यह बयान तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में कथित मिलावट पर एक महत्वपूर्ण प्रतिक्रिया के रूप में देखा जा रहा है, जिससे धार्मिक स्थलों पर प्रसाद की शुद्धता और पवित्रता पर जोर दिया गया है।

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