Dastak Hindustan

भारत कभी नहीं करता आयात शुल्क का दुरुपयोग – डोनाल्ड ट्रंप

नई दिल्ली :- थिंक टैंक ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) ने कहा कि पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का हाल ही में भारत पर आयात शुल्क के दुरुपयोग को लेकर किया गया दावा गलत है। उसने कहा कि अमेरिका सहित कई देश कुछ उत्पादों पर उच्च सीमा शुल्क लगाकर अपने घरेलू उद्योगों की रक्षा करते हैं। ट्रंप ने 17 सितंबर को भारत को आयात शुल्क का दुरुपयोग करने वाला करार दिया था।

जीटीआरआई के संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा कि डब्ल्यूटीओ के विश्व शुल्क प्रोफाइल 2023 के मुताबिक, अमेरिका डेयरी उत्पादों (188 फीसदी), फलों और सब्जियों (132 फीसदी), कॉफी, चाय, कोको और मसालों (53 फीसदी), अनाज और खाद्य तैयारियों (193 फीसदी), तिलहन, वसा और तेल (164 फीसदी), पेय पदार्थ और तंबाकू (150 फीसदी), मछली और मछली उत्पाद (35 फीसदी), खनिज और धातु (187 फीसदी), और रसायन (56 फीसदी) जैसी वस्तुओं पर भी उच्च शुल्क लगाता है। जीटीआरआई ने कहा कि ये आंकड़े साबित करते हैं कि अमेरिका अपनी अर्थव्यवस्था के विशिष्ट उत्पादों को उच्च शुल्क लगाकर संरक्षित करता है। जबकि भारत वाइन और ऑटोमोबाइल सहित कुछ वस्तुओं पर ही उच्च शुल्क लगाता है।

भारत के शुल्क नहीं ज्यादा

जीटीआरआई ने तर्क दिया कि ट्रंप, भारत के ऊंचे शुल्क का जिक्र करते हैं, तो वे कुछ खास उत्पादों पर लगे बहुत ऊंचे शुल्क पर ध्यान देते हैं, जैसे शराब या कारें। लेकिन इससे भारत की व्यापार नीति की पूरी तस्वीर सामने नहीं आती। अगर आप औसत शुल्क (जिसका मतलब है सभी उत्पादों को एक साथ ध्यान में रखकर देखना) और व्यापार-भारित शुल्क (जो यह देखता है कि कौन से उत्पाद का कितनी मात्रा में व्यापार किए जाते हैं) पर ध्यान दें, तो भारत के शुल्क उतने ज्यादा नहीं हैं जितने वे केवल कुछ खास वस्तुओं पर ध्यान देने से लगते हैं।

ट्रंप ने चार साल पहले भी भारत को टैरिफ किंग कहा था

ट्रंप का हालिया दावा उनके अक्टूबर 2020 के बयान की याद ताजा करता है। इसमें उन्होंने भारत को शुल्क किंग करार दिया था। श्रीवास्तव ने कहा कि जबकि सच यह है कि भारत चुनिंदा उत्पादों पर उच्च शुल्क लगाता है। ट्रंप का तर्क जरूरी संदर्भ को नजरअंदाज करता है। इससे उनके आरोप गलत साबित हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि भारत की औसत शुल्क दर 17 फीसदी है जो अमेरिका के 3.3 फीसदी से अधिक है, लेकिन दक्षिण कोरिया (13.4 फीसदी) और चीन (7.5 फीसदी) जैसी अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के समान है।

अमेरिका है एफटीए के जरिए शुल्क कम करने पर अनिच्छुक

जीटीआरआई रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि भारत ने आसियान (दक्षिण पूर्व एशियाई देशों का संगठन), जापान और दक्षिण कोरिया जैसे एफटीए (मुक्त व्यापार समझौता) भागीदारों से आयात के लिए सीमा शुल्क हटाकर मुक्त व्यापार के लिए खुलापन दिखाया है। हालांकि, भारत की इच्छा के बावजूद, अमेरिका एफटीए के जरिए शुल्क कम करने के लिए अनिच्छुक रहा है।

शेयर करे

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *