नई दिल्ली :- वन नेशन-वन इलेक्शन पर मोदी कैबिनेट की मुहर लग गई है। देश में अब लोकसभा के साथ-साथ विधानसभा चुनाव करवाने की राह आसान हो गई है। माना जा रहा है कि आगामी शीतकालीन सत्र में सरकार इसपर बिल लेकर आएगी। कांग्रेस जहां सरकार के कदम से नाखुश है, वहीं मांझी ने इसे वंचित वर्ग के मतदाताओं से जोड़कर देखा।
केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने एक्स पर लिखा, “हर वर्ष किसी न किसी राज्य में चुनाव होते रहते हैं। चुनावों की इस निरंतरता के कारण देश हमेशा चुनावी मोड में रहता है। इससे न केवल प्रशासनिक और नीतिगत निर्णय प्रभावित होते हैं, बल्कि देश के खजाने पर भारी बोझ भी पड़ता है”।
जीतन राम मांझी ने यह भी कहा कि वन नेशन-वन इलेक्शन से दलित मतदाताओं को भी सुविधा होंगी। अब वोट के लूटेरों का राज नहीं चलेगा।
नीतीश कुमार की पार्टी ने क्या कहा?
नीतीश कुमार की पार्टी जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा, “ये बदल रहे भारत की तस्वीर और बेहतर बनेगी। चुनाव के खर्च का जो भीमकाय आकार है उसको काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकेगा। मतदान केंद्रों पर बड़ी संख्या में लोग कतार में लगेंगे…समय पर सुरक्षाबलों की तैनाती होगी और बेहतर तरीके से होगी। कैबिनेट के इस फैसले से अब यह मार्ग प्रशस्त हो गया है कि लोकसभा और विधानसभा के चुनाव भविष्य में जब होंगे तो एक साथ कराए जाने का रास्ता तय हो गया है..”
गिरिराज सिंह का भी आया रिएक्शन
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा, “पीएम नरेंद्र मोदी हमेशा से ही एक देश एक चुनाव के पक्ष में थे। सभी मुख्य न्यायाधीशों, राजनीतिक नेताओं, राजनीतिक दलों, चैंबर ऑफ कॉमर्स के साथ चर्चा हुई और आज आखिरकार कैबिनेट से मंजूरी मिल गई… मल्लिकार्जुन खरगे की भाषा विध्वंसक होती है। ये देश के विकास के लिए और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए एक राष्ट्र एक चुनाव की आवश्यकता है।