नई दिल्ली: भारतीय वायुसेना ने बुधवार को कहा कि कुन्नूर के समीप हुई हेलीकॉप्टर दुर्घटना में सीडीएस जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत और 11 अन्य लोगों की मृत्यु हो गई है। वायुसेना ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर कहा बहुत ही अफसोस के साथ अब इसकी पुष्टि हुई है कि दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना में जनरल बिपिन रावत श्रीमती मधूलिका रावत और 11 अन्य की मृत्यु हो गई है। जनरल रावत भारत के पहले रक्षा प्रमुख या चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) थे। उन्होंने 1 जनवरी 2020 को रक्षा प्रमुख का पदभार ग्रहण किया था। इससे पूर्व वह भारतीय थलसेना के प्रमुख थे। जनरल रावत 31 दिसंबर 2016 से 31 दिसंबर 2019 तक आर्मी चीफ के पद पर रहे। जनरल रावत का जन्म उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले में एक गढ़वाली राजपूत परिवार में हुआ था। इनके परिवार के लोग कई पीढ़ियों से भारतीय सेना को अपनी सेवाएं देते आए थे। सैंज गांव के रहने वाले इनके पिता लक्ष्मण सिंह रावत सेना से लेफ्टिनेंट जनरल के पद से रिटायर हुए थे। रावत ने देहरादून में कैम्ब्रायन हॉल स्कूल, शिमला में सेंट एडवर्ड स्कूल और देहरादून की भारतीय सैन्य अकादमी से शिक्षा ली थी। भारतीय सैन्य अकादमी में उन्हें ‘सोर्ड ऑफ ऑनर’ भी दिया गया था। रावत ने ग्यारहवीं गोरखा राइफल की पांचवी बटालियन से 1978 में अपने करियर की शुरुआत की थी।
जनरल रावत ने जनवरी 1979 में सेना में मिजोरम में प्रथम नियुक्ति पाई थी। उन्होंने कभी नेफा इलाके में तैनाती के दौरान बटालियन की अगुवाई की। इसके अलावा जनरल रावत ने कांगो में संयुक्त राष्ट्र की पीसकीपिंग फोर्स की भी अगुवाई की। 01 सितंबर 2016 को सेना के उप-प्रमुख का पद संभाला था और 31 दिसंबर 2016 को उन्हें सेना का प्रमुख बनाया गया था। एक जनवरी 2020 को जनरल रावत देश के पहले सीडीएस बने थे। जनरल रावत वेलिंगटन के डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज (DSSC) से स्नातक थे और उन्होंने अमेरिका के कैंजास में फोर्ट लीवनवर्थ के यूनाइटेड स्टेट्स आर्मी कमांड ऐंड जनरल स्टाफ कॉलेज से हायर कमांड कोर्स भी किया था। उन्होंने मद्रास विश्वविद्यालय से डिफेंस स्टडीज में एमफिल, और मैनेजमेंट एवं कम्प्यूटर स्टडीज में डिप्लोमा भी किया है। 2011 में उन्हें सैन्य-मीडिया सामरिक अध्ययनों पर अनुसंधान के लिए चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ द्वारा डॉक्टरेट ऑफ फिलॉसफी से सम्मानित किया गया था।