वाशिंगटन (अमेरिका):- लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा, “चुनावों से पहले, हम इस विचार पर जोर देते रहे कि संस्थाओं पर कब्ज़ा कर लिया गया है। आरएसएस ने शिक्षा प्रणाली पर कब्ज़ा कर लिया है। मीडिया और जांच एजेंसियों पर कब्ज़ा कर लिया है। हम यह कहते रहे लेकिन लोगों को यह समझ में नहीं आ रहा था। मैंने संविधान को आगे रखना शुरू किया और मैंने जो कुछ भी कहा था, वह अचानक से फूट पड़ा। गरीब भारत, उत्पीड़ित भारत, जिसने यह समझ लिया कि अगर संविधान खत्म हो गया तो पूरा खेल खत्म हो जाएगा। गरीब लोगों ने गहराई से समझ लिया कि यह संविधान की रक्षा करने वालों और इसे नष्ट करने वालों के बीच की लड़ाई है। जाति जनगणना का मुद्दा भी बड़ा हो गया। ये चीजें अचानक एक साथ आने लगीं।
मुझे नहीं लगता कि निष्पक्ष चुनाव में भाजपा 246 के करीब थी। उनके पास बहुत बड़ा वित्तीय लाभ था। उन्होंने हमारे बैंक खाते बंद कर दिए थे। चुनाव आयोग वही कर रहा था जो वे चाहते थे। पूरा अभियान इस तरह से बनाया गया था कि नरेंद्र मोदी देश भर में अपना काम करें। जिन राज्यों में वे कमज़ोर थे, उन्हें उन राज्यों से अलग तरीके से डिज़ाइन किया गया था जहां वे मज़बूत थे। मैं इसे स्वतंत्र चुनाव के रूप में नहीं देखता। मैं इसे नियंत्रित चुनाव के रूप में देखता हूं।”
संजय राउत ने राहुल गांधी का लिया पक्ष
वाशिंगटन में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के बयान पर शिवसेना (UBT) के नेता संजय राउत ने कहा, “राहुल गांधी ने जो कहा है उसमें ग़लत क्या है? राहुल गांधी ने सही कहा है और भाजपा ने 10 सालों में धर्म-जाति का तुष्टिकरण किया है।”