नई दिल्ली :- उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में जिंदपुर टोल प्लाजा पर एक ऐसी खबर सामने आई है जिसका किसी ने अंदाजा भी नहीं लगाया होगा। यहां पर सालों से ट्रैकों और बड़ी गाड़ियों से अवैध वसूली की जा रही थी। आरटीआई के माध्यम से इसकी सूचना सरकार तक पहुंचाई गई थी लेकिन सरकार भी इस मामले में ढीली पड़ी है।
अवैध वसूली का मामला चिंताजनक –
फतेहपुर के जिंदपुर टोल प्लाजा पर ट्रकों और बड़ी गाड़ियों से सालों से अवैध वसूली का मामला सामने आना चिंताजनक है। यह स्थिति दर्शाती है कि स्थानीय स्तर पर भ्रष्टाचार किस हद तक व्याप्त है, और यह भी कि सरकारी तंत्र इस मुद्दे पर पूरी तरह से सक्रिय नहीं है।
तत्काल कार्रवाई की उम्मीद से आरटीआई हुई थी फाइल
आरटीआई के माध्यम से जब यह सूचना सरकार तक पहुंचाई गई थी, तो यह उम्मीद की जाती थी कि सरकार तत्काल कार्रवाई करेगी। लेकिन इस मामले में सरकार की धीली प्रतिक्रिया से यह स्पष्ट होता है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ की जाने वाली कार्रवाई में भी देरी और अनदेखी हो सकती है।
प्रशासन दिख रहा नाकाम :-
इस तरह की घटनाएं न केवल प्रशासन की नाकामी को उजागर करती हैं, बल्कि आम जनता के विश्वास को भी हिला देती हैं। यह आवश्यक है कि इस मुद्दे को गंभीरता से लिया जाए और अवैध वसूली के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। जनता का यह भी कर्तव्य है कि वे ऐसे मामलों को उजागर करने के लिए आवाज उठाएं और प्रशासन पर दबाव डालें ताकि ऐसे भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म किया जा सके।
केंद्रीय रोड एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने भी नहीं की कोई सुनवाई –
नेशनल हाईवे पर स्थित जिंदपुर टोल प्लाजा पर अवैध वसूली तथा करोड़ों रुपए का घोटाला हुआ है। इस मामले पर प्रशासन एकदम ढीला पड़ा है। भाजपा की सरकार में जहां नेता सिर उठाकर कहते हैं कि हमने भ्रष्टाचार को खत्म कर दिया है। उन्हीं बातों पर यह एक बहुत बड़ा दाग साबित होता दिखाई दे रहा है। पहले भी सूचना जारी किए जाने के बाद भी अभी तक कोई सुनवाई नहीं करी गई है।
उत्तर प्रदेश के फतेहपुर के पास पड़ता है जिंदपुर टोल-
आपको बता दें कि लाखों रुपए को घोटाला जिस टोल पर हुआ है वह टोल उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में पड़ता है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी भ्रष्टाचार को लेकर बड़ी-बड़ी बातें करते हैं। इस तरह की मुद्दे के सामने आने के बाद यह सवाल उठता है कि क्या योगी सरकार भ्रष्टाचार को लेकर ढीली पड़ गई है।
प्रधानमंत्री भी करते हैं भ्रष्टाचार मुक्त देश बनाने की बात –
हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी भारत को एक भ्रष्टाचार मुक्त देश बनाने की बातें करते हैं। इस तरह के मुद्दों के सामने आने के बाद केंद्र सरकार पर भी यह प्रश्न उठ रहा है कि क्या भ्रष्टाचार को समाप्त करना सिर्फ एक बात ही है।
आरटीआई सूचना के जरिए मामले का हुआ था खुलासा-
इस मामले की सूचना आरटीआई के माध्यम से सरकार तक पहुंचाई गई थी लेकिन उसके बाद भी अभी तक कोई भी कार्रवाई नहीं करी गई है। सबसे बड़ा प्रश्न परिवहन मंत्री नीतिश गडकरी पर उठ रहा है कि वह ऐसे भ्रष्ट कर्मचारियों और टोलकर्मियों के खिलाफ कोई कड़ा कदम क्यों नहीं उठा रहे हैं।