नई दिल्ली :- फूड डिलीवरी कंपनी स्विगी का रेवेन्यू वित्त वर्ष 2023-24 में 36 प्रतिशत बढ़कर 11,247 करोड़ रुपये हो गया। इस अवधि में कंपनी का घाटा 44 प्रतिशत घटकर 2,350 करोड़ रुपये रह गया। वित्त वर्ष 2022-23 में स्विगी का रेवेन्यू 8,265 करोड़ रुपये और घाटा 4,179 करोड़ रुपये था। वित्त वर्ष 2024 में कंपनी का कोर बिजनेस 36 प्रतिशत बढ़ा। रेवेन्यू के मामले में कंपनी अपने कॉम्पिटीटर जोमैटो से अब थोड़ा ही पीछे है। इसके अलावा जोमैटो मुनाफे में है, जबकि स्विगी अभी भी घाटा दर्ज कर रही है।
जोमैटो का वित्त वर्ष 2024 में रेवेन्यू 12,114 करोड़ रुपये रहा। कंपनी को वित्त वर्ष के दौरान 351 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ। स्विगी इस साल के अंत में शेयर बाजार में लिस्ट होने की तैयारी में है। स्विगी ने 26 अप्रैल को कैपिटल मार्केट रेगुलेटर सेबी के पास कॉन्फिडेंशियल रूट के माध्यम से अपने IPO के कागजात दाखिल किए थे।
खर्च में आई कमी
स्विगी के घाटे में आई गिरावट की वजह खर्चों में कमी है। कंपनी का वित्त वर्ष 2024 में खर्च 8 प्रतिशत की गिरावट के साथ 13,947 करोड़ रुपये दर्ज किया गया। एक साल पहले यह 12,884 करोड़ रुपये था। वित्त वर्ष 2024 में स्विगी का प्रमोशन और मार्केटिंग पर खर्च घटकर 1,851 करोड़ रुपये रहा।