ग्रेटर नोएडा (उत्तर प्रदेश):- नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्ट में फ्लैट खरीदने वालों के लिए एक महत्वपूर्ण खबर सामने आई है। नोएडा में 63418 फ्लैट खरीदारों के लिए खुशखबरी है। यहां हजारों होम बायर्स, जिन्होंने अपने सपनों का घर खरीदने का सपना देखा था, उन्हें जल्द ही खुशखबरी मिल सकती है। तीन इंडस्ट्रियल अथॉरिटीज के पास जमीन का बकाया होने के कारण लगभग 60 फीसदी प्रोजेक्ट्स अटके हुए हैं।
क्या है मामला…..
बिल्डरों और डेवलपर्स द्वारा अथॉरिटीज को जमीन का बकाया भुगतान न करने के कारण इन फ्लैट्स की रजिस्ट्री नहीं हो पा रही है। इसके चलते, इन फ्लैट्स में रह रहे मकान खरीदारों को अब तक अपनी प्रॉपर्टी का मालिकाना हक नहीं मिल सका है। उम्मीद है कि जल्द ही इस समस्या का समाधान निकलेगा, जिससे फ्लैट खरीदने वालों को राहत मिल सकेगी। यह जानकर हैरानी होती है कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्ट में मकान खरीदारों की सबसे बड़ी समस्याओं में से एक रजिस्ट्री की है। यहां लगभग 161 प्रोजेक्ट्स में फ्लैट खरीदने वाले हजारों मकान मालिकों को अब तक अपनी प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री नहीं मिली है। बिल्डर्स और डेवलपर्स ने फ्लैट्स का निर्माण कर उन्हें बेच दिया और पजेशन भी दे दिया, जिसके बाद हजारों परिवार इन फ्लैट्स में रहना शुरू कर चुके हैं।
मकान खरीदारों को अब तक नहीं मिल पा रहा मालिकाना हक……
इसके बावजूद, इन मकान खरीदारों को अब तक अपनी प्रॉपर्टी का मालिकाना हक नहीं मिल पाया है, क्योंकि बिल्डर्स और डेवलपर्स ने संबंधित अथॉरिटीज को जमीन का बकाया भुगतान नहीं किया है। इस गंभीर समस्या को देखते हुए यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने एक राहत पैकेज की घोषणा की थी, जिसका उद्देश्य इन समस्याओं को हल करना और मकान खरीदारों को उनका हक दिलाना है।
63,000 से अधिक फ्लैट्स की रजिस्ट्री का रास्ता साफ करने पर चर्चा….
24 अगस्त को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई बैठक में 63,000 से अधिक फ्लैट्स की रजिस्ट्री का रास्ता साफ करने पर चर्चा की गई। सीएम योगी ने इस मुद्दे पर सख्त रुख अपनाते हुए अथॉरिटीज को निर्देश दिया कि बकाया राशि वसूलने के लिए डेवलपर्स के खिलाफ कड़े कदम उठाए जाएं। इसके तहत, खाली जमीन को जब्त करने के साथ-साथ उन फ्लैट्स और प्रोजेक्ट्स को भी सीज करने के निर्देश दिए गए हैं, जिन्हें अभी तक बेचा नहीं गया है। इस निर्णय का उद्देश्य बकाया राशि वसूलना और फ्लैट खरीदारों को उनके मालिकाना हक दिलाना है।