नई दिल्ली :- कोलकाता में प्रवर्तन निदेशालय ने रोज वैली ग्रुप के धोखाधड़ी के शिकार निवेशकों को न्याय दिलाने के अपने निरंतर प्रयासों में महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। इसके तहत 19.40 करोड़ रुपये की राशि वापस दिलाई गई है। यह राशि माननीय विशेष न्यायालय (PMLA), कोलकाता के निर्देशों के अनुसार रोज वैली एसेट डिस्पोजल कमेटी (ADC) के खाते में स्थानांतरित कर दी गई है।
कोलकाता में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने रोज वैली ग्रुप के धोखाधड़ी के शिकार निवेशकों को न्याय दिलाने के अपने प्रयासों में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। ED ने रोज वैली ग्रुप के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग और धोखाधड़ी के मामलों की जांच की और कई प्रमुख अभियुक्तों के खिलाफ कार्रवाई की। इसके साथ ही, निवेशकों की वापसियों को सुनिश्चित करने के लिए संपत्तियों की कुर्की और अन्य कानूनी कदम उठाए हैं। यह कदम निवेशकों के लिए राहत और न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
प्रवर्तन निदेशालय (ED) भारत सरकार का एक केंद्रीय एजेंसी है जो आर्थिक अपराधों की जांच और प्रवर्तन के लिए जिम्मेदार है। इसका मुख्य उद्देश्य मनी लॉन्ड्रिंग, आतंकवाद के वित्तपोषण, और अन्य आर्थिक अपराधों की जांच करना है। ED का काम मुख्य रूप से आर्थिक अपराधों के खिलाफ कार्रवाई करना और उन अपराधियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करना होता है जो धन शोधन और अन्य वित्तीय धोखाधड़ी में शामिल होते हैं। यह एजेंसी भारतीय सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज़ और सेंट्रल बोर्ड ऑफ इन्डायरेक्ट टैक्सेज़ के तहत काम करती है।