कोलकाता (पश्चिम बंगाल):- कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर के रेप और हत्या मामले में हर रोज नए सबूत सामने आ रहे हैं। कोलकाता रेप केस में मुख्य आरोपी संजय रॉय ने सीबीआई को पॉलीग्राफ टेस्ट के दौरान क्या बताया यह एक बड़ा सवाल है। आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल की ट्रेनी डॉक्टर के रेप और मर्डर केस में संजय रॉय का लाई डिटेक्टर टेस्ट हो चुका है। अब सीबीआई ने आरोपी समेत कई लोगों का पॉलीग्राफ टेस्ट किया है। दावा है कि आरोपी संजय रॉय ने लाई डिटेक्टर टेस्ट में बड़े खुलासे किए हैं। शुक्रवार को CBI ने मुख्य आरोपी संजय रॉय को सियालदा के स्पेशल कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे 14 दिन की जुडिशल कस्टडी में भेज दिया गया। आइए जानते हैं यह पॉलिग्राफ टेस्ट कैसे होता है?
लाई डिटेक्टर मशीन को ही पॉलीग्राफ मशीन कहा जाता है। इससे यह पता लगाया जाता है कि कोई व्यक्ति सच बोल रहा है या झूठ। यह ECG मशीन की तरह ही होता है।
कैसे काम करता टेस्ट
पॉलीग्राफ टेस्ट इस धारणा पर आधारित है कि जब कोई झूठ बोल रहा होता है तो दिल की धड़कन, सांस लेने में बदलाव, पसीना आने लगता है। पूछताछ के दौरान कार्डियो-कफ या सेंसेटिव इलेक्ट्रोड जैसे उपकरण व्यक्ति से जुड़े होते हैं और बीपी, नाड़ी आदि को मापा जाता है।
आरोपी संजय रॉय का पॉलीग्राफ टेस्ट जेल में ही किया गया। ये आशंका जताई जा रही है कि संजय ने सीबीआई के जवाबों के कई गलत जवाब दिए। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, संजय रॉय ने पूछताछ में बताया कि जब वो घटनास्थल पहुंचा तो महिला ट्रेनी डॉक्टर की पहले ही मौत हो चुकी थी।
सीबीआई पूछताछ के दौरान आरोपी संजय रॉय ने बताया कि ट्रेनी डॉक्टर की मौत पहले ही हो चुकी थी और वो यह देखते ही अस्पताल परिसर से भाग गया। इससे पहले, आरोपी ने कोलकाता पुलिस के सामने रेप और मर्डर की बात कबूली थी। हालांकि, बाद में उसने कहा था कि उसे फंसाया जा रहा है।
टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार, जब संजय रॉय से सीबीआई सवाल कर रही थी तो वो घबरा रहा था। जब उससे सबूतों को लेकर पूछताछ की गई तो वो बहाने बनाने लगा। उसने यह भी कहा कि वह डर के मारे परिसर से भाग निकला। वहीं, कोलकाता पुलिस के मुताबिक संजय रॉय ने पूछताछ में रेप और मर्डर की बात कुबूल की थी। हालांकि बाद में उसने कहा कि वह बेकसूर है और उसे फंसाया जा रहा है।