सोनभद्र (उत्तर प्रदेश):- सोनभद्र तहसील घोरावल अंतर्गत शाहगंज कस्बे में 25 वर्ष पहले राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय शाहगंज जर्जर अवस्था में आज भी बारिश के समय इसके छतों से पानी टपकता है। इस अस्पताल के नवनिर्मित भवन 8 जुलाई 1999 में पंडित लोकपति त्रिपाठी द्वारा आधारशिला रखा गया था। जहां तैनात चिकित्सक जान हथेली पर रखकर मरीज को देखने का कार्य कर रहे हैं।
जी हां यह किसी घटना से संबंधित वाक्य की कहानी का हिस्सा नहीं है बल्कि राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय शाहगंज की जर्जर छत से संबंधित है जो कभी भी धराशाई हो सकती है। क्योंकि बारिश के मौसम में लगातार इसकी छतों से पानी टपकता रहता है। जहां तैनात डॉक्टर ज्योतिर्मय अपनी ड्यूटी का निर्वहन करते हुए नजर आते हैं।
दस्तक हिंदुस्तान की टीम ने किया भ्रमण
जब दस्तक हिंदुस्तान की टीम इस चिकित्सालय में पहुंची। तभी क्षेत्रीय आयुर्वेदिक यूनानी अधिकारी डॉ राजेश कुमार औचक निरीक्षण में इस अस्पताल को देखने के लिए पहुंचे ही थे उन्होंने दस्तक हिंदुस्तान के ब्यूरो चीफ विवेक मिश्रा से कहा कि जिलाधिकारी के बैठक में इस मामले को अवगत करा दिया गया है । 2 महीने के भीतर इसकी दशा में सुधार कर दिया जाएगा।
यह भी बताया कि अस्पताल परिसर के बाउंड्री वाल से संबंधित अभिलेख में मौजूद अस्पताल की जमीन पर तभी बाउंड्री वॉल किया जा सकता है जब इसकी खतौनी कंप्यूटरीकृत हो, तभी विधायक निधि के माध्यम से इस अस्पताल परिसर का कायाकल्प किया जा सकता है। जबकि अस्पताल के कर्मियों का कहना है कि हाथ से लिखी हुई खसरा एवं खतौनी में दर्ज अस्पताल परिसर के नाम से जमीन सात विश्वा मौजूद है, लेकिन किन कारणों के चलते राजस्व कर्मियों ने कंप्यूटर पर दर्ज नहीं कराया। यह समझ से परे है तमाम कठिनाइयों का सामना करते हुए आज भी अस्पताल के चिकित्सा एवं कर्मचारी निरंतर मरीजों को देखने का कार्य करते चले आ रहे हैं डॉक्टर ज्योतिर्मय ने बताया कि इस अस्पताल में पर्याप्त दवाइयां मौजूद हैं।
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