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बदलापुर में दो बच्चियों के साथ दुष्कर्म, स्कूलों में भी बच्चे नहीं सुरक्षित

मुंबई। कोलकाता मर्डर केस के बाद से बदलापुर में दो बच्चियों के साथ दुष्कर्म का मामला भी गरमाता जा रहा है। आज बदलापुर मामले पर मुंबई हाईकोर्ट में सुनवाई हुई, सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और पृथ्वीराज चव्हाण की खंडपीठ ने एफआईआर दर्ज करने में देरी के लिए पुलिस को भी फटकार लगाई। पीठ ने मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी को 27 अगस्त तक रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं।

सुनवाई के दौरान कोर्ट में क्या-क्या हुआ

पीठ ने इस मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि पुलिस तंत्र तब तक हरकत में नहीं आया जब तक जनता विरोध और आक्रोश के साथ सड़कों पर नहीं उतरी।

अदालत ने सरकार से पूछा कि क्या राज्य सरकार तब तक आगे नहीं बढ़ेगी जब तक जनता में इस तरह का आक्रोश नहीं होगा। पीठ ने कहा कि यह देखकर आश्चर्य हुआ कि बदलापुर पुलिस ने मामले की उचित जांच नहीं की।

अदालत ने सवाल किया कि ऐसे गंभीर मामले में, जहां तीन और चार साल की बच्चियों के साथ यौन उत्पीड़न किया गया, पुलिस इतने हल्के में कैसे ले सकती है। अदालत ने पूछा कि अगर स्कूल सुरक्षित जगह नहीं हैं तो बच्चे क्या करें ?

पीठ ने पुलिस को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि जिस तरह से बदलापुर पुलिस ने मामले को संभाला, उससे वह बिल्कुल भी खुश नहीं है। हम केवल यह देखना चाहते हैं कि पीड़ित लड़कियों को न्याय मिले और पुलिस को भी इसमें रुचि लेनी चाहिए।

पीठ ने कहा कि इस मामले में, जैसा कि लड़कियों ने शिकायत की है, ऐसे कई मामले हो सकते हैं जिन पर ध्यान नहीं दिया गया होगा।

उच्चन्यायालय के अनुसार लोगों को पुलिस व्यवस्था या न्यायिक व्यवस्था पर भरोसा नहीं खोना चाहिए। अगर लोगों को सड़कों पर उतरना पड़े तो भविष्य के बारे में सोचना पड़ेगा।

पीठ ने कहा कि एसआईटी को 27 अगस्त तक कोर्ट में रिपोर्ट देते हुए यह भी बताना होगा कि बदलापुर पुलिस द्वारा प्राथमिकी दर्ज करने और दूसरे पीड़ित का बयान दर्ज करने में देरी क्यों हुई।

अदालत ने कहा कि यदि उसे पता चला कि मामले को दबाने का प्रयास किया गया है तो वह संबंधित पुलिस अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने में संकोच नहीं करेगी। उच्चन्यायालय ने कहा कि हमें यह भी बताएं कि लड़कियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार क्या कदम उठा रही है।

अदालत ने इस मामले में कहा कि लड़कियों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जा सकता।

सरकार का पक्ष रख रहे महाधिवक्ता बीरेंद्र सराफ ने अदालत को बताया कि एक लड़की का बयान मजिस्ट्रेट के समक्ष दर्ज कर लिया गया है तथा दूसरी पीड़ित लड़की का बयान गुरुवार को दर्ज किया जाएगा। सराफ ने अदालत को बताया कि बदलापुर थाने के दोषी पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है।

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