नई दिल्ली। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरमैन रवि अग्रवाल ने बुधवार को कहा कि आयकर अधिनियम, 1961 की समीक्षा का काम छह महीनों की निर्धारित समयसीमा में पूरा कर लिया जाएगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले महीने वित्त वर्ष 2024-25 का पूर्ण बजट पेश करते हुए कहा था कि देश के प्रत्यक्ष कर कानून को सरल बनाने के लिए इसकी समीक्षा की जाएगी। उन्होंने इस काम को छह महीने में पूरा करने की बात कही थी।
आयकर विभाग का नियंत्रण करने वाले सीबीडीटी के प्रमुख अग्रवाल ने यहां एक कार्यक्रम में कहा कि हमारे पास एक महत्वपूर्ण कार्य है जो आयकर अधिनियम, 1961 की व्यापक समीक्षा का है। सीबीडीटी ने इसके लिए मिशन अंदाज में काम शुरू कर दिया है। यह काम चुनौतीपूर्ण और परिवर्तनकारी होने के बावजूद निर्धारित समय सीमा में पूरा कर लिया जाएगा।
सीबीडीटी प्रमुख ने कहा कि आयकर रिटर्न दाखिल करने की नई व्यवस्था लोगों को पसंद आ रही है और करीब 72 प्रतिशत करदाताओं ने इसे चुना है। उन्होंने कहा कि अब तक संपर्क-रहित व्यवस्था के तहत कुल 6.76 लाख आयकर आकलन पूरे किए गए हैं, जबकि जुलाई तक 2.83 लाख अपीलों को अंतिम रूप दिया गया।